सड़क पर पटरी दुकान से ई-रिक्शा मालकिन तक : सांसद अरोड़ा ने सोनम को नई शुरुआत करने में की मदद

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एमपी संजीव अरोड़ा के सहयोग से युवा लड़की आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा पाई कदम

लुधियाना, 8 मई। संघर्षपूर्ण जीवन में लुधियाना की युवती सोनम के जीवन ने आशाजनक मोड़ लिया है। दरअसल यहां रोडवेज बस अड्‌डे के पास पटरी दुकान लगाने वाली यह ई-रिक्शा की मालकिन बन गई। यह सब राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा द्वारा सही समय पर सहयोग और पहल की बदौलत संभव हुआ।

सोनम अपनी बीमार मां और छोटे भाई-बहनों का भरण-पोषण करने के लिए मजबूरन पटरी दुकान पर सामान बेचती थी। उसने अब आत्मनिर्भरता की राह पकड़ ली है। जिला रेड क्रॉस सोसाइटी (डीआरसीएस) के माध्यम से कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) फंड के तहत दान किया गया ई-रिक्शा सांसद संजीव अरोड़ा ने औपचारिक रूप से उसे सौंपा। कार्यक्रम डीआरसीएस सचिव नवनीत जोशी और अन्य स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में आयोजित किया गया।

भावुक होकर सोनम ने कहा कि मैं सांसद अरोड़ा की बहुत आभारी हूं कि उन्होंने बिना देरी किए मेरा अनुरोध स्वीकार कर लिया। सम्मान के साथ कमाने का यह अवसर मेरे और मेरे परिवार के लिए एक वरदान है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे इतना बड़ा मौका मिलेगा। इस अवसर पर सांसद अरोड़ा ने वंचितों के उत्थान के उद्देश्य से जमीनी स्तर पर किए जा रहे प्रयासों का सहयोग करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हर नागरिक सम्मान के साथ जीने का अवसर पाने का हकदार है।

उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि मैं सोनम को बेहतर भविष्य की ओर एक कदम बढ़ाने में मदद कर सका। उसका साहस और दृढ़ संकल्प वास्तव में प्रेरणादायक है। उन्होंने जिला रेड क्रॉस सोसाइटी (डीआरसीएस) के माध्यम से योग्य युवा लड़की की सहायता करने के उनके अनुरोध पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन को भी धन्यवाद दिया।

बारहवीं कक्षा तक पढ़ी सोनम ने कुछ दिन पहले सांसद के साथ अपनी मुलाकात को याद करते बताया कि जब मैंने अपनी कहानी साझा की, तो उन्होंने धैर्यपूर्वक मेरी बात सुनी और मुझे मदद का आश्वासन दिया। ईमानदारी से कहूं तो, मुझे पहले उनके वादे पर संदेह था। लोग अक्सर कहते हैं कि राजनेता जो कहते हैं, उसका मतलब नहीं होता। हालांकि सांसद अरोड़ा ने इसके विपरीत साबित किया। उसकी आवाज़ में नई उम्मीद भरी हुई थी।

डीआरसीएस सचिव नवनीत जोशी ने कहा कि डिप्टी कमिश्नर के निर्देशानुसार, जो डीआरसीएस के अध्यक्ष भी हैं, हम सीएसआर फंड के तहत इस दान को सुविधाजनक बनाने में सक्षम थे। हमें उम्मीद है कि यह पहल सोनम के जीवन में वास्तविक बदलाव लाएगी। अपने नए ई-रिक्शा के साथ, सोनम अब लुधियाना में सड़क किनारे सामान बेचने के बजाए गर्व से ड्राइविंग कर अपना जीवन यापन करेगी।

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