लुधियाना 9 मई। लुधियाना की बहुचर्चित श्रमण जी वाटिका कॉलोनी को लेकर लुधियाना कोर्ट की और से अहम फैसला सुनाया गया है। एडवोकेट आदित्य जैन के मुताबिक कोर्ट ने जैनपुर स्थित श्रमण जी वाटिका कॉलोनी पर पूर्ण तौर पर रोक लगा दी है। जिसके चलते अब कॉलोनी के डवेलपर्स की और से कोई भी प्लॉट बेचा नहीं जा सकेगा। जानकारी देते हुए एडवोकेट आदित्य जैन ने कहा कि जैनपुर में जीके अरोड़ा बिल्डर्स एंड डवेलपर्स की और से श्रमण जी वाटिका कॉलोनी बनाई थी। लेकिन यह एक एग्रीकल्चर लैंड है। जिसके बावजूद डवेलपर्स की और से बिना सीएलयू व कॉलोनी पास करवाए प्लॉट काटने शुरु कर दिए। जबकि न तो ग्लाडा से कोई लाइसेंस लिया और न ही किसी किस्म की कोई फीस जमा करवाई थी। जिसके बाद सड़कें दिखाकर नक्शे तैयार कर लिए और उन्हीं के आधार पर लोगों को प्लॉट बेच डाले। एडवोकेट आदित्य जैन ने कहा कि डवेलपर्स की और से श्रमण जी वाटिका कॉलोनी में एक प्लॉट व्यक्ति को बेच दिया। तहसीलदार के साथ मिलकर रजिस्ट्री तक करवा दी गई। लेकिन पीएपीआरए एक्ट 1995 के सेक्शन 20 (3) का नियम है कि बिना कॉलोनी पास करवाए रजिस्ट्री नहीं करवाई जा सकती। लेकिन कॉलोनी के डवेलपर्स और तहसीलदार द्वारा मिलकर गलत तरीके से रजिस्ट्रियां की गई। जबकि उक्त व्यक्ति की जमीन आगे कई लोगों को बेचकर रजिस्ट्रियां भी करवा दी। जिसके बाद उक्त पीड़ित व्यक्ति ने एडवोकेट आदित्य जैन के जरिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
सभी रजिस्ट्रियां कोर्ट में की पेश
एडवोकेट जैन ने कहा कि उनकी तरफ से एक ही जमीन की कई लोगों को रजिस्ट्रियां करवाने की सभी कॉपियां कोर्ट में पेश की। सबूतों के आधार पर कोर्ट द्वारा श्रमण जी वाटिका कॉलोनी की और से कोई भी प्लॉट बेचने पर पूर्ण तरीके से रोक लगा दी है। एडवोकेट जैन ने बताया कि श्रमण जी वाटिका कॉलोनी के डवेलपर्स द्वारा पहले भी लोगों के साथ जमीनों की एवज में ठगी की है। जिसके चलते उन पर कई पर्चे दर्ज है। वे जेल तक जा चुके हैं।