लुधियाना वेरका ब्रांच में करोड़ों के स्कैम संबंधी पहले ही हो चुका खुलासा
लुधियाना 9 मई। लुधियाना वेरका मिल्क प्लांट के अकाउंट्स ब्रांच में घोटाले के खुलासे होने के बाद अब खन्ना स्थित वेरका कैटल फीड प्लांट में करोड़ों रुपए का स्कैम होने का मामला सामने आया है। जहां पर अधिकारियों द्वारा प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर बारदाने में ही घोटाला कर डाला। अंदरखाते बारदाना बेचकर करोड़ों रुपए जेब में डाल लिए। यहां तक कि रिकॉर्ड से भी छेड़छाड़ कर डाली। बताया जा रहा है कि अधिकारियों द्वारा कुल 1 करोड़ 32 लाख 91 हजार 731 रुपए की हेराफेरी की है। लेकिन जब ऑडिट हुआ तो पूरे मामले का खुलासा हुआ। प्लांट के जनरल मैनेजर डॉ. सुरजीत सिंह भदौड़ की और से इस संबंध में कार्रवाई के लिए लिखित रुप में एसएसपी खन्ना को एफआईआर दर्ज करने की शिकायत दी है। वहीं विजिलेंस लुधियाना को भी मामले की जानकारी दी गई है।
रिकॉर्ड में की गई छेड़छाड़
डॉ. सुरजीत सिंह भदौड़ा का आरोप है कि मामले में स्कैम होने की आशंका के चलते जांच कमेटी गठित की गई। जांच कमेटी और संस्था के ऑडिट की रिपोर्ट से पता चला कि वर्ष 2023-24 और 2024-25 में पुराने बारदाने की बिक्री में गड़बड़ी की गई है। रिकॉर्ड में 19 लाख 77 हजार 50 बैग बेचे गए थे। लेकिन दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर यह संख्या 10 लाख 80 हजार 300 बैग दिखाई गई थी।
इन अधिकारियों पर आरोप, खुद ही सॉफ्टवेयर में किया बदलाव
जांच में पाया गया कि इस मामले में अकाउंट्स ब्रांच की इंचार्ज मनप्रीत कौर मांगट और स्टोर इंचार्ज जतिंदरपाल सिंह शामिल हैं। जबकि आउटसोर्स एजेंसी के मुलाजिम अमरिंदर सिंह, बचित्र सिंह और दीपा खान की भी इसमें शामिल हैं। तीनों आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया है। बाकी दो पक्के अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा गया है।
असली बिलों को सॉफ्टवेयर से हटाया
वहीं जांच में पता चला कि अकाउंट्स ब्रांच के सॉफ्टवेयर में यूजर राइट्स मनप्रीत मांगट और जतिंदरपाल सिंह को दिए गए थे। जिसके चलते उनकी तरफ से डिजिटल रिकॉर्ड में भी हेराफेरी की गई। उन्होंने स्टोर ब्रांच के असली बिलों को अकाउंट्स ब्रांच के टेली सॉफ्टवेयर से हटा दिया था, ताकि किसी को इस स्कैम का पता न चल सके। लेकिन जांच के दौरान सभी सबूत सामने आ गए।
इन फर्मों के साथ थी मिलीभगत
डॉ. सुरजीत भदौड़ ने बताया कि अधिकारियों की कई फर्मों के साथ मिलीभगत थी। जिसमें महाराजा ब्रदर्स कलालमाजरा, एनके जूट ट्रेडर खन्ना, राधा ट्रेडिंग कंपनी खन्ना, श्री राम बारदाना ट्रेडर खन्ना और लक्ष्मी बारदाना ट्रेडर खन्ना शामिल है। इन फर्मों के साथ मिलकर अधिकारियों ने बारदाने का घोटाला किया और पेमेंट आपस में बांट ली।
लुधियाना वेरका में भी हो चुका करोड़ों का घोटाला
वहीं लुधियाना वेरका मिल्क प्लांट में भी अकाउंट्स ब्रांच से लेकर उच्च अधिकारियों की और से मिलकर करोड़ों रुपए का स्कैम किया गया है। यूटर्न टाइम अखबार द्वारा इसका खुलासा पहले ही किया जा चुका है। इस मामले में भी जब जांच हुई तो अकाउंट्स ब्रांच के अधिकारियों ने जांच कमेटी को राइट्स देने से इंकार कर दिया था। जबकि लुधियाना ब्रांच स्कैम में कई उच्च अधिकारी शामिल है। जिसके चलते मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
सरकार को लगाया जा रहा करोड़ों का चूना
लुधियाना वेरका और खन्ना ब्रांच के कई अधिकारियों द्वारा सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाया जा रहा है। उनकी तरफ से चीजें खरीदने और बेचने की आड़ में ही मोटी कमाई की जा रही है। खन्ना ब्रांच की तरह लुधियाना अकाउंट्स व ऑडिट विभाग द्वारा भी सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचकर करोड़ों की कमाई की जा रही है।
प्राइवेट पार्टनर्स के साथ अधिकारियों ने किया घोटाला
खन्ना प्लांट के जीएम सुरजीत सिंह भदौड़ ने कहा कि कुछ अधिकारियों व मुलाजिमों ने प्राइवेट पार्टनर्स के साथ मिलकर पुराने बारदाने में घोटाला किया है। अभी तो 2 साल का रिकॉर्ड चैक किया तो 1.32 करोड़ का घोटाला सामने आया है। मामले की उच्च सत्रीय जांच की जा रही है।