गंदगी के ढेर – लोगों का जीना दूभर
जीरकपुर 09 Nov : वार्ड 27 की स्थिति लगातार बद से बदतर होती जा रही है। इलाके की सड़कें जगह-जगह से टूटी हुई हैं, पानी के मेन हॉलों के ढक्कन गायब हैं, और सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। हालात इतने खराब हैं कि लोग हर रोज जान हथेली पर रखकर सड़क पार करने को मजबूर हैं।
स्थानीय समाजसेवी योगेश अरोड़ा ने बताया कि वार्ड के कई हिस्सों में सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। “दोपहिया और चारपहिया वाहन चलाना मुश्किल हो गया है। कई जगहों पर पानी के मेन हॉलों के ढक्कन टूटे पड़े हैं, जो कभी भी बड़ा हादसा कर सकते हैं। लोगों ने खुद ही उनमें ईंट-पत्थर डालकर अस्थायी इंतजाम किया है, लेकिन यह भी खतरनाक है,” उन्होंने कहा।

अरोड़ा ने आगे बताया कि बरसात के मौसम में यहां हालात और भी भयावह हो जाते हैं। “हमारी बड़ी मुश्किलों से नालियों में पानी निकासी की पाइप डलवाई गई थी, लेकिन अब ढक्कन टूटने से वह ‘मौत के कुएं’ बन गए हैं। अगर फिर से बारिश हुई, तो पानी निकासी बाधित हो जाएगी और घरों में पानी भर जाएगा,” उन्होंने जोड़ा।
इलाके में सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह फेल है। सड़कों के किनारे कूड़े के ढेर पड़े हैं, जिससे बदबू फैल रही है और मच्छर-मक्खियों का प्रकोप बढ़ गया है। निवासियों का कहना है कि नगर निगम के अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं, कोई नियमित सफाई नहीं होती।
स्थानीय लोग इस समस्या को लेकर कई बार शिकायत दर्ज करवा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। “हमारी मांग है कि नगर निगम जल्द से जल्द कार्रवाई करे, ताकि हम भी साफ-सुथरे माहौल में जी सकें,” अरोड़ा ने कहा।
कोट्स
योगेश अरोड़ा (समाजसेवी) का कहना है:
“वार्ड 27 के हालात बेहद खराब हैं। टूटी सड़कें, खुले मेन हॉल और गंदगी ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। नगर निगम को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।”
बॉक्स
स्थानीयों का कहना:
“हमने कई बार शिकायत की, पर कोई सुनवाई नहीं हुई। अधिकारी आते हैं, फोटो खिंचवाकर चले जाते हैं, काम फिर भी अधूरा रह जाता है।”
वार्ड 27 के हालात अब लोगों के सब्र की सीमा से बाहर हैं। टूटी सड़कों और गंदगी से परेशान लोगों की यही गुहार है कि नगर निगम प्रशासन जल्द कार्रवाई करे, ताकि क्षेत्र फिर से रहने योग्य बन सके।





