लुधियाना रियल एस्टेट सेक्टर में बजा अलार्म, पंजाब कैबिनेट में नई टाउनशिप को मंजूरी, 32 गांवों के नाम शामिल

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अभी और स्थानों की घोषणा होनी बाकी

लुधियाना 10 मई। पंजाब सरकार की और से ग्लाडा के अधीन 23 हजार एकड़ में पीपीपी स्कीम के तहत अर्बन एस्टेट टाउनशिप लाई जा रही है। लुधियाना रियल एस्टेट सेक्टर में अलार्म बज चुका है, क्योंकि पंजाब कैबिनेट द्वारा इसके लिए मंजूरी दे दी गई है। वहीं अब लुधियाना के कई गांवों की जमीन को इस टाउनशिप में शामिल किया गया है। जिसमें कई गांवों के नाम भी सामने आ चुके हैं। फिलहाल 32 गांवों के नाम सामने आए हैं। चर्चा है कि इन गांवों की जमीन लैंड पूलिंग के जरिए अर्बन एस्टेट में अटैच की जाएगी। चर्चा है कि सरकार द्वारा इस नई टाउनशिप का रेट 26 हजार रुपए प्रति गज के हिसाब से रखा जाएगा। वहीं इस टाउनशिप को कैबिनेट में मंजूरी मिलते ही कॉलोनाइजरों व डवेलपर्स में हड़कंप मच चुका है। क्योंकि कई डवेलपर्स की और से इसी टाउनशिप के आसपास जमीनें खरीदकर उसमें बनावटी तेजी के तहत दाम करोड़ों रुपए रखे हैं। लेकिन सरकार ने इस टाउनशिप में लोगों को सस्ते भाव पर जमीनें बेचनी है। जिसके चलते अब कॉलोनाइजर अपनी जमीनों को लैंड पूलिंग से बचाने में जुट चुके हैं।

इन 32 गांवों को किया गया अर्बन एस्टेट में शामिल

पंजाब सरकार की और के अर्बन एस्टेट टाउनशिप में 39 गांवों को शामिल किया गया है। जिसमें बग्गा कलां, नूरपुर बेट, गडा, मलकपुर, बीरमी, बासामी, फागला, दाखा, ईस्सेवाल, भटि्टयां, दाखा, गहौर, भहौड़, थरीके, झांडे, ललतों, बाड़ेवाल, हसनपुर, भनौड़, पमाल, बदोवाल, पमाली, चौकड़ा, मंसूरा, रतन, ललतो, खडूंर, बल्लोवाल, नारंगवाल, जोधा, दोलो कलां, छोकरा शामिल हैं। फिलहाल शुरुआती जानकारी में पता चला है कि इन 32 गांवों की जमीन लैंड पूलिंग में शामिल है।

जिनकी जमीनें सड़क किनारे, उनके लिए खड़ी हुई परेशानी

जानकारी के अनुसार इस टाउनशिप के अधीन आने वाले गांवों में जिन डवेलपर्स की जमीनें सड़कों पर पड़ी है, उनके लिए परेशानी खड़ी हो गई है। क्योंकि उन्होंने जमीनों के रेट मनमानी तरीके से करोड़ों रुपए रखे हुए हैं। लेकिन सरकार उसे मनमाने रेट नहीं बल्कि असली रेट पर खरीदेगी। वहीं जिन लोगों की जमीनें पीछे हैं, उनके पहले ही रेट कम है, तो उनकी जमीनें अच्छे दाम पर खरीदी जाएगी। ऐसे में उन्हें इसका फायदा मिलेगा।

कई कॉलोनियों की फाइलें ग्लाडा के पास रुकी

वहीं, कई डवेलपर्स की और अपनी कॉलोनियों को पास करवाने के लिए ग्लाडा के पास अप्लाई कर रखा है। लेकिन ग्लाडा के पास अभी फाइलें अप्रूवल के लिए रुकी हुई हैं। क्योंकि सरकार के प्रोजेक्ट में किसी भी कॉलोनी की जमीन को लैंड पूलिंग कर लिया जा सकता है।

ग्लाडा व कई कॉलोनाइजर बीच में ही फंसे

जानकारी के अनुसार कई कॉलोनाइजरों द्वारा अपनी जमीनें सरकारी टाउनशिप में अटैच होने से बचाने को अपनी कॉलोनियों की अप्रूवल करवाने पर जोर दिया जा रहा है। लेकिन अब दूसरे कॉलोनाइजर इसी तांक पर बैठे हैं कि कब उनकी कॉलोनी मंजूर हो और कब वे कोर्ट केस करें। ऐसे में ग्लाडा अधिकारी बीच में फंस चुके हैं कि वे फाइल पास करें या न करें। वहीं दूसरी तरफ कई कॉलोनाइजरों द्वारा आधी जमीनें लेकर प्री बुकिंग के जरिए लोगों से पैसा इकट्ठा कर लिया गया और अब कॉलोनी पास कराने को फाइलें लगा रखी है। ऐसे में अगर उनकी फाइल रिजेक्ट हो गई तो जनता के पैसे डूबने के साथ साथ उक्त कॉलोनाइजर भी डूब जाएगें। जिसके चलते उन्हें फाइलें पास कराना जरुरी है।

कई बड़े ब्रांड अफसरों व राजनेताओं के साथ कर रहे मीटिंग

वहीं चर्चा है कि प्री बुकिंग कर लोगों से पैसा इकट्ठा करने वाले कई बड़े ब्रांड्स के डवेलपर्स अपनी कॉलोनियां पास कराने पर जोर दे रहे हैं। जिसके चलते उनकी और से अफसरों व राजनेताओं के साथ बैठकें की जा रही है। अब बाकी डवेलपर्स की नजर उन पर हैं कि उनकी कॉलोनियां पास होती है या नहीं। अब इस पूरे मामले में ग्लाडा अधिकारी क्या भूमिका निभाते है ये देखना होगा।

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