पार्ट-2: रोज गार्डन नवीनीकरण टेंडर में कमीशन मांगने के मामले में एसई ने उगले राज
लुधियाना 4 जून। लुधियाना नगर निगम के एसई संजय कंवर द्वारा रोज गार्डन के नवीनीकरण के टेंडर पास करने की एवज में 10 प्रतिशत कमीशन मांगने का मामला लगातार तुल पकड़ता जा रहा है। विजिलेंस द्वारा की गई पूछताछ में एसई ने कई हैरानीजनक खुलासे किए हैं। एसई संजय कंवर ने खुद माना है कि उसके पास मौजूद सभी कारें उसने रिश्वत की कमाई से खरीदी थी। जिसमें उसके पास होंडा सिटी मॉडल 2012, मर्सडीज कार पीबी03बीसी0006 और फॉरच्यूनर सीएच01डब्ल्यूसी0815 है। एसई ने जांच में बताया कि मर्सडीज कार उसने उपदेश सिंगला निवासी दिल्ली के नाम पर खरीदी थी। जबकि फॉरच्यूनर कार चंडीगढ़ के पंकज गोयल के नाम पर खरीदी गई थी। एसई के अनुसार वे लग्जरी कारों को इस लिए अपने नाम पर नहीं खरीदता, क्योंकि उसकी शिकायत हो सकती थी। जिससे वे फंस सकता था। इसी लिए उसने दूसरों के नाम पर कानें खरीदी थी। जबकि यही मर्सिडीज कार एसई द्वारा अपनी पत्नी नीतू कंवर को गिफ्ट की गई थी।
अपनी ही बातों को घुमाने में लगा एसई
एक तरफ एसई संजय कंवर द्वारा खुदमाना गया कि उसने रिश्वत की कमाई से कारें खरीदी है। लेकिन वे कारें दूसरों के नाम पर ली है। जिसके बाद अपनी जांच में यह भी कह रहा है कि उक्त कारों को उपदेश और पंकज द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। जबकि उसके पास अपना कोई व्हीकल नहीं है। हैरानी की बात तो यह है कि अगर यह लग्जरी कारें उसने खरीदी है, तो जाहिर सी बात है कि वे उसी की हुई। लेकिन जानबूझकर जांच को उलझाने के लिए एसई द्वारा अलग अलग बयान दिए गए हैं।
सरकारी खर्च पर 4 महीनों में पत्नी संग 4 देशों की यात्रा की
एसई संजय कंवर ने अपनी पूछताछ में बताया है कि वे सरकारी खर्च पर अपनी पत्नी नीतू कंवर के साथ विदेशी यात्राा भी कर चूका है। वे जनवरी 2025 में छह दिन के लिए अमेरिका गया था। जिसके बाद अक्टूबर 2024 में फ्रांस और स्विडजरलैंड गया था। वहीं नवंबर 2024 में पत्नी नीतू कंवर संग थाईलैंड गया था। हैरानी की बात तो यह है कि एक अधिकारी सरेआम सरकारी खजाने को चूना लगाता रहा, लेकिन किसी अधिकारी ने इस पर ध्यान तक नहीं दिया। जिससे आशंका है कि कई बड़े अधिकारियों की इसमें मिलीभगत हो सकती है।
विभाग से चोरी खरीद की हुई हैं प्रॉपर्टी
वहीं जांच में एसई संजय कंवर ने माना कि उसने नगर निगम विभाग से चोरी जमीनें खरीदी है। उसने 2005 में एक 200 गज का प्लॉट बाड़ेवाल रोड पर है। प्लॉट लेने को उसने न तो विभाग को जानकारी दी और न ही मंजूरी ली। इसके अलावा चंडीगढ़ सेक्टर48ए की बलोसम कोऑप्रेटिव सोसायटी में एक 35 लाख का फ्लैट है। वहीं उसकी पत्नी नीतू कंवर का चंडीगढ़ के आईसीआईसीआई बैंक में लॉकर है।
पत्नी के नाम पर है 7 से 8 पॉलिसी
इसके अलावा नीतू कंवर के नाम पर 7 से 8 एलआईसी की पॉलिसी चल रही है। हैरानी की बात तो यह है कि एक आम इंसान 1 से 2 पॉलिसी करवा पाता है। लेकिन एसई की पत्नी की 7 से 8 पॉलिसी चल रही थी। चर्चा है कि काली कमाई जो कि एसई ने खुद माना है, से ही यह सारा खेल किया जा रहा था। जबकि उसका एक बच्चा कैनेडा में स्टडी वीजे पर है, जबकि दूसरा चंडीगढ़ के बड़े स्कूल में है। हैरानी की बात तो यह है कि एक अधिकारी के लग्जरी कारें रखने, आलीशान जिंदगी जीने के शौंक आखिर सैलरी से कैसे पूरे हो रहे थे।
रोज गार्डन प्रोजेक्ट की टेंडर कमेटी में शामिल थे यह अधिकारी
वहीं एसई संजय कंवर ने बताया कि रोज गार्डन नवीनीकरण के लिए एक्सियन बलविंदर सिंह और एसडीओ नंदन बांसल द्वारा प्रपोजल तैयार की गई थी। इस प्रपोजल को मुख्य इंजीनियर चंडीगढ़ से पास कराया गया था। उक्त टेंडर की कमेटी में एक्सियन बलविंदर सिंह, एक्सियन हरजीत सिंह, एसडीओ मनिंदर सिंह और एचडीएम सिंपल मैडम शामिल थे।
एसई के प्रोजेक्ट्स में बड़ा हेरफेर
एसई संजय कंवर ने बताया कि उसके अधीन एक्सियन बलविंदर सिंह, एक्सियन राकेश सिंगला, एसडीओ मनिंदर सिंह, एसडीओ अवतार सिंह, एसडीओ नंदन बांसल, जेई अंकुश विकास सेठी हैं। एसई अनुसार उसने 3.60 करोड़ में लैय्यर वैली सराभा नगर का काम जेबी एंटरप्राइजज और रखबाग में 1.60 करोड़ में ईटी हाल और 5 करोड़ में स्विमिंग पूल बनाने के टेंडर अलॉट किए थे। यह काम पूरे हो चुके हैं। लेकिन शहर में पिछले दिनों चर्चा छिड़ी थी कि एसई संजय कंवर द्वारा करवाए विकास कार्य फिर चाहे वे लैय्यर वैली हो, स्विमिंग पूल या ईटी हाल की उसारी, सभी कार्यों में बड़ा घोटाला किया गया है। अब देखना होगा कि क्या विजिलेंस इनकी भी जांच करेगी।
मेरा इससे कोई लेनदेन नहीं है – निगम कमिश्नर
वहीं इस मामले में नगर निगम कमिश्नर आदित्य डेचलवाल ने कहा कि मेरे नीचे कई अधिकारी काम करते हैं, लेकिन मैं सभी की गारंटी नहीं ले सकता। कोई कुछ भी बोल सकता है, अब इसमें मैं कैसे किसी की गारंटी ले सकता हूं। रोज गार्डन टेंडर के लिए टेक्निकल में दो फर्में बीडर थी। फाइनेंशियल बीड में लोवर बीड जिसकी होगी, टेंडर उसे ही मिलता है। ऐसे में कमीशन मांगने का कोई तूक नहीं है। 19 फरवरी को टेक्निकल बीड खुल गई थी। मार्च में कमीशन की डील की जा रही थी। एसई ने ऐसे क्यों किया, वो तो यहीं बता सकता है। मेरा इससे कोई लेनदेन नहीं है।