फर्जी डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई, रजिस्टर्ड डॉक्टरों को 2 साल की सजा
चंडीगढ़, 17 अप्रैल। सिटी ब्यूटीफुल में नया कानून बन गया है। अगर चंडीगढ़ में लापरवाही से मौत के मामलों में दोष साबित होता है तो इसके लिए सजा 5 साल तक बढ़ा दी गई है। हालांकि रजिस्टर्ड डॉक्टरों के लिए यह सजा दो साल तक ही सीमित रहेगी।
जानकारी के मुताबिक डिप्टी कमिश्नर कम जिला मजिस्ट्रेट नितिन यादव ने डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी की बैठक में यह जानकारी दी। जिसमें स्वास्थ्य सेवा निदेशालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, नगर निगम चंडीगढ़, पुलिस व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में 13 मार्च, 2023 की पिछली बैठक की रिपोर्ट पर चर्चा की गई और अब तक की प्रगति साझा की। इसमें विशेष रूप से निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों के अधिकारों के चार्टर के प्रदर्शन को अनिवार्य रूप से लागू करने की बात शामिल थी।
बैठक में बताया गया कि सैक्टर-16 स्थित सरकारी मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को दंड के आंकलन के लिए जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह कदम चिकित्सा लापरवाही या अन्य शिकायतों की निष्पक्ष जांच के लिए उठाया है। टैंट या अस्थायी ढांचे में काम कर रहे फर्जी चिकित्सकों का मुद्दा भी उठा। डीसी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसी गतिविधियों की गहन जांच कर कड़ी कार्रवाई
डीसी नितिन यादव ने निर्देश दिया कि सभी क्लिनिक और नर्सिंग होम अपने पंजीकरण काउंटर पर सेवा दर सूची, नागरिक चार्टर और शिकायत अधिकारी के संपर्क नंबर प्रमुखता से प्रदर्शित करें। यह भी स्पष्ट किया गया कि आयुष डॉक्टर केवल आयुर्वेदिक क्लिनिक के रूप में ही पंजीकरण कर सकते हैं।
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