मुद्दे की बात : यूक्रेन के ‘ऑपरेशन स्पाइडर वेब’ से भारत, अन्य देश क्या सबक लेंगे

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

ड्रोन अटैक की ऐसी नई तकनीक भारत के लिए भी जरुरी

हाल ही में सौ से ज्यादा यूक्रेनी ड्रोन्स ने रूस के वायुसेना के ठिकानों पर हमला किया। जिनका निशाना परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम लंबी दूरी के रूसी बमवर्षक थे। ऐसे में दुनियाभर में चर्चा है कि क्या भारत समेत अन्य देश यूक्रेन के ‘ऑपरेशन स्पाइडर वेब’ से पाकिस्तान में एयरस्ट्राइक कर चुके भारत के साथ ही अन्य देश क्या कोई सबक लेंगे ?

यूक्रेन की सैन्य ख़ुफ़िया एजेंसी एसबीयू ने मीडिया को जो जानकारी लीक की, उसके आकंलन के मुताबिक ड्रोन्स को लकड़ी के केबिन में छिपाकर ट्रकों की मदद से रूस पहुंचाया गया। ये केबिन रिमोट से ऑपरेट होने वाली छतों के नीचे छिपाए गए थे। ये ट्रक हवाई अड्डों के पास ले जाए गए, जिनके ड्राइवरों को शायद ट्रक में रखे सामान की असलियत का कोई अंदाज़ा नहीं था। वहां पहुंचने के बाद ड्रोन लॉन्च किए गए और इन्हें लक्ष्यों की ओर भेजा गया। इस ऑपरेशन की निगरानी कर रहे यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने रविवार रात को सोशल मीडिया पर बताया कि इस साहसिक हमले में 117 ड्रोन का इस्तेमाल हुआ, जिसकी तैयारी में लंबा वक्त लगा। दरअसल, हाल के दिनों में ये दूसरा मौक़ा है, जब युद्ध में ड्रोन के इस्तेमाल की चर्चा हो रही है। इससे पहले भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान भी ‘ड्रोन वॉर’ की काफ़ी चर्चा हुई थी। भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान कई विश्लेषकों ने दावा किया था कि ‘ये संघर्ष के एक नए युग की शुरुआत है, जिसे ‘ड्रोन युग’ कहा जा सकता है। इस युग में मानव रहित हथियार यानि ड्रोन ही जंग के मैदान की दशा और दिशा तय करेंगे।

बहरहाल, रूस के तेज़ होते हमलों के बीच यूक्रेन ने ‘ऑपरेशन स्पाइडर वेब’ लॉन्च किया। इसे रूस पर यूक्रेन का अब तक का सबसे घातक हमला बताया जा रहा है। इस हमले में हुए नुक़सान पर दोनों पक्षों के अपने-अपने दावे हैं। यूक्रेन का कहना है कि उसने ड्रोन हमले में रूस के 40 से ज़्यादा बमवर्षक विमानों को निशाना बनाया। रूस के रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि हमले देश के पांच क्षेत्रों में हुए। जिनमें दो जगहों पर विमानों को नुकसान हुआ। जिस तरह ड्रोन्स को रूस में पहुंचाया और फिर सैटेलाइट या इंटरनेट लिंक के ज़रिए रिमोट से संचालित किया, वो असाधारण था। अंतर्राष्ट्रीय व रणनीतिक मामलों की जानकार डॉ. स्वास्ति राव के मुताबिक भारत और दूसरे वो अन्य देश, जो अपना खुद का ड्रोन सिस्टम तैयार कर रहे हैं, वो इस ऑपरेशन से कई चीज़ें सीख सकते हैं। ऑपरेशन ‘स्पाइडर वेब’ दिखाता है कि भविष्य में लड़ी जाने वाली जंग का स्वरूप कैसा होगा। मसलन, कैसे छोटे देश तकनीक और नए इनोवेशन की मदद से बड़े और ताक़तवर देशों का मज़बूती से सामना कर सकते हैं। ऐसे में भारत को इस दिशा में अपने कदम तेज़ करने होंगे। राव ने कहा, अगर भारत डिफ़ेंस के क्षेत्र में हो रहे नए तकनीकी इनोवेशन्स के बीच क़दम से क़दम मिलाकर चलना चाहता है तो हम साल दर साल सैन्य प्रोजेक्ट्स में होने वाली देरी को अनदेखा नहीं कर सकते।

कुछ दिनों पहले ही भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ़ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने भी रक्षा ख़रीद परियोजनाओं में हो रही देरी पर गहरी नाराज़गी जताई थी। बीबीसी के अनुसार, राव इन्हीं बातों को रेखांकित करते हुए कहती हैं कि भारत का ड्रोन मिशन पहले से बेहतर ज़रूर हुआ है, पर दुनिया में जो उच्च मानक तय हैं, उसके लिहाज़ से देखें तो हम प्रतिस्पर्द्धा में नहीं हैं। उन्होंने कहा, हाल में पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष में हमने चीन और तुर्की के ड्रोन्स को सफलतापूर्वक नष्ट तो किया, पर वो बेसिक स्तर के ड्रोन्स थे। ऐसे में मान लिया जाए कि जैसी तकनीक दुनिया में विकसित हो रही है, उस उच्च तकनीक का ड्रोन हमला हम पर होता है तो भारी नुकसान की संभावना बन सकती है। रक्षा विशेषज्ञ राहुल बेदी के मुताबिक़ यूक्रेन ने हमले के लिए जिन ड्रोन्स का इस्तेमाल किया है, उन्हें क्वॉड कॉप्टर कहते हैं और ये हेलिकॉप्टर की तरह नज़र आते हैं। यूक्रेन ने इन्हें महज़ दो चार सौ डॉलर में तैयार किया, जिससे ज़ाहिर होता है कि सस्ते और प्रभावी तरीक़े से भी आप दुश्मन पर हमला कर सकते हैं।

ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए भी हमने ये साबित किया है कि हम तरह-तरह के ड्रोन ऑपरेशनलाइज़ कर सकते हैं और उन्हें डिप्लॉय कर सकते हैं। हालांकि यूक्रेन ने अपने इस ऑपरेशन के ज़रिए बड़े और छोटे मुल्क के बीच सैन्य फ़ासले को धुंधला कर दिया है तो भारत इस ऑपरेशन से यही सीख सकता है कि वो जंग के तेज़ी से बदलते स्वरूप के मुताबिक़ खुद को तैयार रखे।

———-

 

 

औद्योगिक फोकल प्वाइंटों के रखरखाव के लिए अलग से प्राधिकरण बनाया जाएगा कैबिनेट मंत्री संजीव अरोड़ा औद्योगिक भूखंड धारकों को लीजहोल्ड से फ्रीहोल्ड में स्वामित्व अधिकार दिए गए हमारी सरकार के दौरान पंजाब में 1 लाख 14 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ

‘युद्ध नाशियां विरुद्ध’: 171वें दिन पंजाब पुलिस ने 452 जगहों पर छापेमारी की; 151 ड्रग तस्कर पकड़े गए * ऑपरेशन में 111 एफआईआर दर्ज, 1.5 किलोग्राम हेरोइन और 29 हजार रुपये की ड्रग मनी बरामद* ‘नशा मुक्ति’ अभियान के तहत, पंजाब पुलिस ने 84 लोगों को नशा मुक्ति उपचार के लिए राजी किया

औद्योगिक फोकल प्वाइंटों के रखरखाव के लिए अलग से प्राधिकरण बनाया जाएगा कैबिनेट मंत्री संजीव अरोड़ा औद्योगिक भूखंड धारकों को लीजहोल्ड से फ्रीहोल्ड में स्वामित्व अधिकार दिए गए हमारी सरकार के दौरान पंजाब में 1 लाख 14 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ

‘युद्ध नाशियां विरुद्ध’: 171वें दिन पंजाब पुलिस ने 452 जगहों पर छापेमारी की; 151 ड्रग तस्कर पकड़े गए * ऑपरेशन में 111 एफआईआर दर्ज, 1.5 किलोग्राम हेरोइन और 29 हजार रुपये की ड्रग मनी बरामद* ‘नशा मुक्ति’ अभियान के तहत, पंजाब पुलिस ने 84 लोगों को नशा मुक्ति उपचार के लिए राजी किया

पंजाब के खाद्य पदार्थों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए सरकारी स्वामित्व वाले ब्रांड पंजाब मार्ट के विकास पर जोर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री लाल चंद कटारूचक ने भोजन के अधिकार के तहत गुणवत्तापूर्ण भोजन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए मंत्री ने पंजाब राज्य खाद्य आयोग की पहल की समीक्षा की चंडीगढ़ मुख्यालय स्तर पर वॉर रूम बनाने का सुझाव