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यहां काबिलेजिक्र है कि बीते वक्त में कनाडा-भारत के रिश्तों में खटास आई थी। अब तमाम देशों, मीडिया की निगाह इसी पर है कि क्या दोनों के रिश्तों की खटास जी-7 से कम होगी ? क़रीब 10 साल बाद पीएम मोदी कनाडा की यात्रा करेंगे। तब स्टीफ़न हार्पर कनाडा के पीएम थे। साल 2023 में ख़ालिस्तान समर्थक सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से ही भारत-कनाडा के संबंध ख़राब दौर में हैं। ऐसे में इस न्योते को दोनों देशो के पारस्परिक संबंधों के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की विशेषज्ञ स्वस्ति राव कहती हैं, यह एक सही शुरुआत है, भारत को बुलाना हर तरफ़ से सही है। हम जी-7 के सदस्य नहीं हैं, लेकिन अगर ये बुलावा नहीं आता तो इसका सिग्नल ग़लत जाता। इससे दोनों देशों के संबंधों को एक नई दिशा मिल रही है। ट्रूडो ने अपने घरेलू लाभ के लिए संबंधों को ख़राब किया और उसको अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया।