मुद्दे की बात : अब अमेरिकी एयरपोर्ट पर भारतीय छात्र ‘पागल’ बता हथकड़ी लगा डिपोर्ट

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

भारत सरकार के लिए भी बड़ी चुनौती, कैसे ट्रंप सरकार की मनमानी से निपटे

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अवैध तरीके से रहने वाले लोगों को अमेरिका से डिपोर्ट किया गया था। इनमें शामिल भारतीयों को खूंखार कैदियों की तरह हाथों-पैरों में हथकड़ी-बेड़ियां डालकर अमेरिकी सेना के हवाई जहाज अमृतसर एयरपोर्ट पर उतारा गया था। अब अमेरिका के न्यूजर्सी में एक भारतीय छात्र को न्यूयाक्र एयरपोर्ट पर अपराधियों की तरह जमीन पटककर हथकड़ी लगा भारत डिपोर्ट किया गया।

इसका वीडियो भारतीय मूल के अमेरिकी बिजनेसमैन कुणाल जैन ने तीन दिन पहले सोशल मीडिया पर शेयर किया तो मामला सुर्खियों में आया। जैन ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, मैंने एयरपोर्ट पर युवा भारतीय छात्र को हथकड़ी लगे रोते और अपराधी की तरह ट्रीट होते देखा। जो अपने सपनों को सच करने आया था, किसी को नुकसान पहुंचाने नहीं। एक एनआरआई होने के नाते, मैं खुद को कमजोर और टूटा हुआ महसूस कर रहा हूं। जैन के मुताबिक छात्र हरियाणवी में कह रहा था ‘मैं पागल नहीं हूं, ये लोग मुझे पागल साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि फिलहाल तक यह साफ नहीं है कि छात्र को किस वजह से डिपोर्ट किया गया। यह एक बड़ा चिंताजनक पहलू है। कारोबारी जैन के मुताबिक, ये बच्चे वीजा लेकर सुबह फ्लाइट से आते हैं। किसी कारण से इमिग्रेशन अथॉरिटीज को अपना आने का कारण समझा नहीं पाते और शाम की फ्लाइट से हाथ-पैर बांधकर मुजरिमों की तरह भेज दिए जाते हैं। हर दिन 3-4 ऐसे मामले हो रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में ऐसे केस ज्यादा बढ़ गए हैं।

जैन ने भारतीय दूतावास, अमेरिका और भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की। उन्होंने लिखा कि किसी को पता लगाना चाहिए कि इस छात्र का क्या हो रहा है। यहां गौरतलब पहलू है कि न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने मामले पर अपनी प्रतिक्रिया जरुर दी, लेकिन सिर्फ यही लिखा कि हम इस संबंध में स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं।​​​​ गंभीर पहलू है कि यह घटना ऐसे वक्त पर हुई है, जब अमेरिकी सरकार अंतर्राष्ट्रीय छात्रों पर सख्ती बढ़ा रही है और बिना नोटिस के वीजा रद कर रही है। फिलिस्तीन के समर्थन से लेकर ट्रैफिक उल्लंघन तक, अलग-अलग वजहों से छात्रों पर कानूनी मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं।

गौरतलब है कि अमेरिकी सरकार ने दो हफ्ते पहले विदेशी छात्रों के लिए नए वीजा इंटरव्यू पर रोक लगा दी है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इसे लेकर एक आदेश जारी किया था। आदेश का मकसद देश की यूनिवर्सिटीज में यहूदी विरोध और वामपंथी विचारों को रोकना है। रुबियो ने दुनिया भर में अमेरिकी दूतावासों को आदेश जारी कर कहा कि वे स्टूडेंट वीजा के लिए नए इंटरव्यू शेड्यूल ना करें, क्योंकि ट्रम्प सरकार अमेरिका आने वाले छात्रों के सोशल मीडिया प्रोफाइल की जांच को और सख्त करने जा रही है।

उन्होंने आगे कहा था कि तत्काल प्रभाव से कांसुलर सेक्शन आगे के दिशानिर्देश जारी होने तक स्टूडेंट या एक्सचेंज विजिटर वीजा के लिए नए अपॉइंटमेंट की इजाजत ना दें। कुल मिलाकर दूसरे देशों की तुलना में यह भारत सरकार के लिए बड़ी चुनौती इसलिए हैं कि टैरिफ के मुद्दे पर पहले से ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोस्त कहलाने वाले ट्रंप अपने तेवर दिखा चुके हैं। दूसरी तरफ, अमेरिका जाने वाले लोगों, विद्यार्थियों के साथ भी ट्रंप सरकार का रवैया कतई सकारात्मक नहीं है। माहिरों की मानें तो इस मुद्दे पर विपक्ष एक बार फिर केंद्र की भाजपा सरकार को जोरदारी से घेर सकता है।

————

Leave a Comment