राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप ने खूंखार कैदियों की तरह वापस भेजे थे अवैध तरीके से अमेरिका में रहने वाले भारतीय
अमेरिका ने भारत की ट्रैवल एजेंसियों और एजेंटों पर अवैध आप्रवासन यानि इमिग्रेशन को बढ़ावा देने के आरोप में वीज़ा प्रतिबंध लगाए हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसके पहले अवैध तरीके से अपने देश में रहने वाले भारतीय को हथकड़ियों-बेड़ियों में बांधकर सैनिक-विमान से डिपोर्ट किया था।
चौंकाने वाले फैसले लेने और विवादित बयान देने के लिए दुनियाभर में चर्चित ट्रंप यहीं नहीं रुके। अब अमेरिका के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने जारी बयान में कहा, अमेरिकी आप्रवासन क़ानूनों और नीतियों को लागू करने, क़ानून के शासन को बनाए रखने और अमेरिकियों की सुरक्षा के लिए यह महत्वपूर्ण है। हालांकि अमेरिका की तरफ़ से वीज़ा प्रतिबंधों से प्रभावित लोगों से जुड़ी कोई जानकारी नहीं दी गई और ना ही किसी ट्रैवल एजेंट और किसी ट्रैवल एजेंसी का ज़िक्र किया गया। यहां काबिलेजिक्र है कि इस साल फरवरी में अमेरिका ने कुछ भारतीयों को ‘अवैध अप्रवासी’ बताते हुए विमान से वापस भेजा था। इन लोगों की हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां लगी तस्वीरें सामने आई थीं। भारत ने आधिकारिक तौर पर अमेरिका के ताजा फ़ैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। अब सवाल यह है कि भारत से अमेरिका जाने की चाह रखने वाले लोगों पर इस फ़ैसले का क्या असर होगा ?
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रेस रिलीज़ के मुताबिक, विदेश मंत्रालय भारत में मौजूद ट्रैवल एजेंसियों के मालिकों और वरिष्ठ अधिकारियों पर वीज़ा प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठा रहा है। दरअसल वे जानबूझकर अमेरिका में अवैध आप्रवासन को बढ़ावा दे रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि ट्रैवल एजेंटों ने अवैध प्रवास के रास्ते को किस तरह से आसान बनाया है। बयान में एक तरह से यह चेतावनी भी दी गई कि विदेशी तस्करी नेटवर्क को ख़त्म करने के लिए ट्रैवल एजेंसियों के ख़िलाफ़ इस तरह के क़दम उठाए जाते रहेंगे। वहीं नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास ने कई बार कहा, अमेरिका आने वाले भारतीय नागरिकों को चेतावनी दी जाती है कि वे देश में अपने तय प्रवास के समय से ज़्यादा ना रुकें। ऐसा करने पर उन्हें निर्वासित कर दिया जाएगा और देश में प्रवेश पर स्थायी प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। इसी साल जनवरी में राष्ट्रपति का पद संभालने वाले ट्रंप ने चुनाव अभियान के दौरान अवैध प्रवासियों को लेकर सख़्त नीति अपनाने का वादा किया था।
सत्ता में आते ही ट्रंप ने इस वादे पर अमल किया और भारत समेत कई देशों के नागरिकों को अवैध आप्रवासी बताते वापस उनके देश भेज दिया। अब ट्रंप प्रशासन के ताजा फ़ैसले को उनकी अवैध अप्रवासी नीति का हिस्सा माना जा रहा है। ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कोषाध्यक्ष पारस लाखिया हैं। इस मुद्दे पर बीबीसी से बातचीत में उन्होंने ट्रंप के फ़ैसले पर चिंता व्यक्त जताते इसे अनिश्चितता से भरा बताया। उनके मुताबिक अधिकांश भारतीयों के परिजन, दोस्त और रिश्तेदार अमेरिका में रहते हैं, इसलिए अमेरिका भारत से जाने वाले लोगों के लिए प्रमुख देशों में से एक है। ऐसे प्रतिबंध जो वास्तव में स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किए गए, नया संकट पैदा करेंगे। ट्रंप के शपथ ग्रहण के दो हफ़्ते बाद 104 ‘अवैध भारतीय प्रवासियों ‘ को लेकर एक विमान अमृतसर में उतरा था। तब भारत में जमकर राजनीति हुई थी। भारत सरकार के मुताबिक, फरवरी में तीन सैन्य विमानों से 333 भारतीय नागरिक वापस आए।
भारत में अमेरिकी दूतावास के अनुसार, 2024 के पहले 11 महीनों में 20 लाख से अधिक भारतीय अमेरिका गए, जो 2023 की तुलना में 26 फ़ीसदी ज्यादा थे। हालांकि, ये लोग पर्यटन, व्यवसाय, और शिक्षा जैसे गैर-आप्रवासी वीजा पर गए थे, ना कि स्थायी निवास के लिए। साल 2024 में, 3 लाख 31 हज़ार से अधिक भारतीय छात्र अमेरिका में पढ़ाई के लिए गए, जो 2008-09 के बाद से सबसे अधिक है। माहिरों के मुताबिक निश्चित रूप से मौजूदा समय भ्रम की स्थिति है, ऐसे में बदलाव के बारे में अमेरिकी कार्यालयों स्थिति स्पष्ट करें। इससे ट्रैवल कंपनियों को समझने और यात्रियों तक सही जानकारी पहुंचाने में मदद मिलेगी। प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार, साल 2022 तक लगभग 7 लाख 25 हज़ार भारतीय नागरिक अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं। वहीं, अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के मुताबिक 2022 में दो लाख 20 हज़ार अवैध भारतीयों की रिपोर्ट दी गई।
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