मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने परियोजनाओं को लेकर की समीक्षा बैठक
यमुनानगर के प्लाईवुड उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए एक विस्तृत कार्य-योजना तैयार करने के निर्देश
क्षेत्रीय फसलों के अनुसार फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए बनाई जाए रूपरेखा
चंडीगढ़, 17 जुलाई – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने और नागरिकों को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में विकासात्मक परियोजनाओं की समीक्षा कर सभी परियोजनाओं को तय समय-सीमा में गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा करने के निर्देश दिए, ताकि आमजन को जल्द से जल्द इन परियोजनाओं को समर्पित किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने आज यहां वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव कार्यालय, गृह विभाग, श्रम विभाग, उद्योग एवं वाणिज्य, मत्स्य और आयुष विभागों सहित अन्य विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों की विस्तार से समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को विकसित भारत के चार स्तंभ युवा, महिला, किसान और गरीब के कल्याणार्थ नीति निर्माण करने और नियमों की रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नीतियां बनाते समय इन वर्गों की वास्तविक आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी जाए तथा योजनाओं में समावेशिता, पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित की जाए।
यमुनानगर के प्लाईवुड उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए एक विस्तृत कार्य-योजना तैयार करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने यमुनानगर के प्लाईवुड उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए एक विस्तृत कार्य-योजना तैयार करने के निर्देश दिए ताकि इस क्षेत्र के बरसों पुराने प्लाईवुड उद्योग को बढ़ावा मिल सके। साथ ही, जगाधरी के धातु उद्योग को भी पुनर्जीवित करने के लिए मास्टर-प्लान बनाने के भी निर्देश दिए।
श्रमिकों के लिए किफायती आवास सुविधाएं
श्री नायब सिंह सैनी ने निर्देश देते हुए कहा कि वॉक-टू-वर्क नीति के तहत सरकार की कार्यस्थलों के नजदीक के शहरों में श्रमिकों के लिए आवासीय सुविधाएं विकसित करने की योजना है। इसके लिए सीएसआर के तहत कॉरपोरेट संस्थानों को जोड़ने की संभावनाएं तलाशी जाएं। इसके क्रियान्वयन से श्रमिकों को सस्ती दरों पर आवास सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। मुख्यमंत्री ने सुझाव देते हुए कहा कि इन आवासीय क्षेत्रों में कैंटीन की सुविधा भी विकसित करने की कार्य-योजना बनाई जाए।
कृषि और खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि क्षेत्र के अनुसार उत्पादित होने वाली फसलों के अनुरूप वहां खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने की कार्य-योजना बनाई जाए, ताकि किसान भी परंपरागत फसलों के अलावा मार्केट के अनुसार फसलों की खेती कर सकें। उन्होंने निर्देश दिए कि छोटे-छोटे क्लस्टर चिह्नित करके फसलों के अनुसार सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाए जाएं।
सड़क सुरक्षा पर दिया जाए विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से एक मजबूत सड़क सुरक्षा नीति बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी प्रमुख मार्गों पर कहीं भी गड्ढे न हों, साथ ही, जिन स्थानों पर बार-बार दुर्घटनाएं हो रही हैं, उन्हें “ब्लैक स्पॉट्स” के रूप में चिन्हित कर वहां त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि आगामी सर्दियों के मौसम, धुंध व कोहरे को देखते हुए दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सड़कों पर उपयुक्त साइनेज लगाए जाएं।
महिला स्टार्टअप्स को बढ़ावा
बैठक में जानकारी दी गई कि महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा स्टार्टअप नीति का विस्तार करने पर जोर दिया जा रहा है। महिलाओं का प्रतिनिधित्व 45 प्रतिशत से बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है और इसे 60 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य है। इसके लिए नीति आयोग के सहयोग से पंचकूला में एक केंद्र स्थापित करने की योजना है और इस केंद्र में वित्तीय प्रोत्साहनों के अलावा महिलाओं को स्टार्टअप से संबंधित ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
बैठक में बताया गया कि प्रदेशभर में हर योगशाला के साथ आयुष्मान आरोग्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है।
बैठक में मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल, मत्स्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ राजा शेखर वुंडरू, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अरूण कुमार गुप्ता, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ अमित अग्रवाल, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ साकेत कुमार, सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक श्री के मकरंद पांडुरंग सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।