अपने कार्यकाल के आखिरी फेज में मेयर ने चंडीगढ़ की सबसे बड़ी और काफी विवादित जमीन की नीलामी आगे बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है। ये फैसला सिटी डेवलपमेंट और निगम की फाइनेंशियल कंडीशन दोनों के लिए काफी जरूरी माना जा रहा है। अगर येProposal पास हो जाता है तो निगम का खाली खजाना भर जाएगा और कई पेंडिंग डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को स्पीड मिलेगी। मेयर हरप्रीत कौर बबला ने इस मुद्दे पर 12 दिसंबर, शुक्रवार को दोपहर 12 बजे निगम सदन में एक स्पेशल मीटिंग बुलाई है। दिसंबर में मेयर की दो मीटिंग होंगी—एक ये स्पेशल मीटिंग और दूसरी महीने के एंड में होने वाली आम बैठक।
मनीमाजरा की जमीन पर फिर चर्चा
यह मीटिंग मनीमाजरा पैकेट नंबर 6 की जमीन की नीलामी को लेकर है। पिछली मीटिंग में भी ये प्रोप्रोसेल आया था, लेकिन जमीन की पॉजिशन और एरिया को लेकर डाउट्स उठने पर इसे रोक दिया गया था। अब अफसरों ने पैमाइश और टेक्निकल चेक कर ली है, जिसके बाद प्रोप्रोसेल फिर से पेश किया जाएगा।
नीलामी से मिलेगी फाइनेंशियल स्ट्रेंथ
अगर सदन प्रोप्रोसेल को ओके कर देता है, तो इसे जोनिंग प्लान तैयार करने के लिए यूटी प्रशासन के अर्बन प्लानिंग डिपार्टमेंट को भेजा जाएगा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये नीलामी निगम की फाइनेंशियल स्ट्रेंथ बढ़ाने के साथ शहर के नए डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को भी आसान बनाएगी। इस फैसले को मेयर के कार्यकाल का एक बड़ा और गेम-चेंजिंग कदम माना जा रहा है।
