भ्रष्टाचारियों पुलिस अफसरों-मुलाजिमों को बचाने पर एसएसपी सस्पेंड, नाबालिग से मांग रहे थे रिश्वत

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फाजिल्का 28 मई। पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने फाजिल्का जिले के एसएसपी वरिंदर सिंह बराड़ को सस्पेंड कर दिया गया है। सरकार का कहना है कि उन्होंने भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार 4 पुलिस अफसरों व मुलाजिमों पर कार्रवाई नहीं की। मंगलवार को ही विजिलेंस ब्यूरो ने फाजिल्का साइबर सेल के चार अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। यह लोग फाजिल्का में नाबालिग पर साइबर केस दर्ज करने की धमकी दे रहे थे। दरअसल, नाबालिग से गलती से पोर्न साइट पर क्लिक हो गया था। जिसके बाद ये ब्लैकमेल कर परिवार से एक लाख रुपए की रिश्वत मांग रहे थे। विजिलेंस ब्यूरो ने ट्रैप लगाकर आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इन आरोपियों में एसएचओ मनजीत सिंह, वरिष्ठ कॉन्स्टेबल राजपाल, वरिष्ठ कॉन्स्टेबल शिंदरपाल सिंह और वरिष्ठ कॉन्स्टेबल सुमित कुमार शामिल हैं।

गलती से पोर्न वीडियो पर क्लिक हुआ, पुलिस ने धमकाया

इस पूरे मामले की जानकारी मंगलवार को वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा ने दी थी, उन्होंने कहा था- पीड़ित परिवार का 17 साल का बच्चा साइबर क्राइम में शामिल हो गया था। बच्चे ने गलती से पोर्न वीडियो पर क्लिक कर दिया था। यह नॉन-सीरियस केस था लेकिन पुलिस कर्मियों ने इस चीज का फायदा उठाया। पुलिस ने लड़के का मोबाइल फोन जब्त कर लिया था और मामला सुलझाने के लिए 1 लाख की रिश्वत की मांग की।

पहले एसएसपी को दी थी पीड़ितों ने शिकायत

सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक जब चारों पुलिसकर्मियों ने नाबालिग पर केस दर्ज करने की धमकी दी और रुपए वसूलने शुरू किए तो परिजन परेशान हो गए। इसके बाद परिजनों ने एसएसपी वरिंदर बराड़ को इसकी शिकायत दी थी। हालांकि सरकार का कहना है कि तब एसएसपी ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।

सीएम को सबूत समेत भेजी शिकायत तो एक्शन हुआ

इसके बाद बच्चे के परिजनों ने चारों पुलिसकर्मियों के धमकी देने और रिश्वत मांगने के मामले के सबूत जुटा लिए। जिसकी शिकायत उन्होंने सीएम भगवंत मान की शुरू की गई हेल्पलाइन पर भेज दी। जिसके बाद सरकार ने अपने स्तर पर जांच कराई तो शुरुआती जांच में आरोप सही पाए गए। जिसके बाद चारों पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

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