‘भारत की सरकार और सेना दे रही पाकिस्तान को सटीक-मुंहतोड़ जवाब’

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कारोबारियों ने प्रतिक्रिया जताने के साथ अपने सुझाव भी सरकार को दिए

लुधियाना, 9 मई। भारत-पाकिस्तान के बीच अघोषित जंग को लेकर समाज के हर वर्ग की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इसे लेकर ‘यूटर्न टाइम’ ने विशेष अभियान चलाया है, जिसके तहत लगातार शहरियों के विचार-सुझाव रखे जाएंगे। कुल मिलाकर समाज के हर वर्ग से भारत सरकार और सेना द्वारा उठाए कदमों की सराहना की जा रही है। देशभक्ति के जज्बे से ओत-प्रोत सभी लोगों का यही मानना है कि जंग लाजिमी है तो जंग ही सही, यानि हिंसा-अत्याचार सहने की एक सीमा होती है। लगातार बर्दाश्त करने की बजाए आतंकवादियों और उनको संरक्षण देने वाले किसी भी देश को उनकी ही भाषा में जवाब देना जरुरी होता है।

अब पड़ोसी-दुश्मन का पूरी तरह इलाज जरुरी : कोठारी

–नामी कारोबारी शाम कोठरी का कहना है कि पड़ोसी देश आतंकियों के जरिए हमें करीब 55 साल से लगातार परेशान कर रहा है। अब केंद्र सरकार ने हौंसला दिखाते सही फैसले किए और हमारी सेना की कार्रवाई बहुत सराहनीय है। उन्होंने सुझाव दिया कि पीओके वापस लेने से ज्यादा जरुरी है कि पाकिस्तान के परमाणु-केंद्र पर कब्जा कर उसे न्यूट्रिलाइज कर दें, हमेशा से दी जानी वाली उसकी धमकी का मसला भी हल हो जाएगा।

हमें राष्ट्र की रक्षा करने का पूरा अधिकार : एडवोकेट सिद्धू

–बीजेपी के सीनियर नेता एडवोकेट बिक्रम सिंह सिद्धू ने कहा कि हमें अपने राष्ट्र व उसके नागरिकों की रक्षा करने का पूरा अधिकार है। केंद्र सरकार व सेना ने पड़ोसी दुश्मन पर जवाबी कार्रवाई कर सौ फीसदी सही कदम उठाया है। आतंकियों को संरक्षण देने वाले पड़ोसी दुश्मन को सबक सिखाना अब जरुरी था। बेशक कोई भी मुल्क जंग नहीं चाहता, लेकिन देश है तो सब कुछ है। हम भारतीय हिंसा के समर्थक नहीं, लेकिन बेवजह अत्याचार भी नहीं सह सकते हैं।

जंग की सूरत में बचाव की तैयारी भी जरुरी : थापर

–नामी इंडस्ट्रियलिस्ट अमित थापर भारत-पाकिस्तान के बीच अघोषित-जंग को लेकर भावी-स्थिति को लेकर सतर्क करते हैं। उनका कहना है कि अगर घोषित तौर पर युद्ध हो जाता है तो भारत को अपने नागरिकों के बचाव के भी गंभीरता से प्रबंध करने चाहिएं। उन हालात में सिविल डिफेंस के वॉलिंटियर कैसे काम करेंगे, इसकी प्रॉपर-ट्रेनिंग समय रहते दी जाए। जमीनी-जंग की सूरत में आम लोग क्या प्रबंध रखें, शासन-प्रशासन को सेफ-शैल्टर के नजरिए से सभी पुख्ता प्रबंध करने चाहिएं।

जंग लाजिमी है तो जंग ही सही : बिगबैन

-नामी इंडस्ट्रियलिस्ट तेजविंदर सिंह बिगबैन ने जोशीले-अंदाज में दोटूक कहा कि भारत ने पाकिस्तान पर जवाबी हमले कर कुछ भी गलत नहीं किया। सीधी सी बात है कि अगर जंग लाजिमी है तो जंग ही सही…। रही बात, युद्ध की तो कुछ नुकसान तो हमारा भी होना है और अभी से हो भी रहा है। इससे डरकर दुश्मन का जुल्म लगातार सहने से उससे भी बड़ा नुकसान हो चुका है। हकीकत में जो भारत ने अब किया, पड़ोसी दुश्मन के साथ बहुत पहले ही ऐसा कर देना चाहिए था।

फिलहाल सेना का हौंसला बढ़ाने की जरुरत : भोगल

–नामी इंडस्ट्रियलिस्ट अवतार भोगल ने गंभीरता से सुझाव दिया कि यह अपनी सरकार या सेना की किसी भी पहलू से आलोचना करने का समय नहीं है। सिर पर घोषित-युद्ध की आशंका के बाद मंडरा रहे हैं। ऐसे में विशेषकर राजनीतिक-दलों को निजी स्वार्थ वाली सियासत से ऊपर उठकर केंद्र सरकार का नैतिक-समर्थन करना चाहिए। खासतौर पर पूरी बहादुरी से पड़ोसी दुश्मन देश के हर नापाक-हमले का जवाब दे रही अपनी सेना का हौंसला बढ़ाना सबसे जरुरी है।

हर करम अपना करेंगे वतन के लिए : महाजन

–समाजसेवी व कारोबारी टोनी महाजन ने कहा कि ‘यूटर्न टाइम’ का ‘जय हिंद की सेना…’ अभियान बेहद सराहनीय है। इससे सीख लेते हुए सभी भारत वासियों को संकल्प लेना चाहिए कि नाजुक माहौल में अपने वतन की खातिर कार्य करें। कुछ भी ऐसा ना करें कि अफवाहों से लोगों में भय पैदा हो। इसके उलट आस-पड़ोस के लोगों में भी देशभक्ति का जज्बा पैदा करने वाले काम करें। यही सबको समझाएं कि पड़ोसी दुश्मन देश के खिलाफ भारत सरकार और हमारी सेना की कार्रवाई बिल्कुल सही है।

मेरी शान तिरंगा, हर घर फहराएं राष्ट्रीय-ध्वज : गौतम

–कारोबारी व भाजपा नेता मुकेश गौतम का मानना है कि पढ़ने के दौरान कंप्टीशन के अलावा खेल हो या जंग, पॉजेटिव-माहौल निहायत जरुरी है। मौजूदा हालात में आम लोगों में भी जोश-जज्बा पैदा हो। लिहाजा हर घर पर तिरंगा फहराएं, जो राष्ट्र की अस्मिता का प्रतीक भी है। शहीद होकर राष्ट्रीय-ध्वज में लिपटकर आने वाले सैनिकों तक जब मेरी शान तिरंगा वाला संदेश हमारे सैनिकों तक पहुंचेगा तो जाहिर तौर पर उनका हौंसला बढ़ेगा। ऐसे में हर भारतीय सकारात्मक सोच का प्रदर्शन करे।

फिलहाल सरकार-सेना के साथ ‘कदमताल’ करें : सोनी

कारोबारी राजेश सोनी मानते हैं कि भारत सरकार और सेना ने पड़ोसी देश की नापाक हरकतों को सबक सिखाने के लिए सही कार्रवाई की है। इसी सोच के साथ हम सबको सरकार और सेना के साथ एक तरह से कदमताल करने की जरुरत है। ऐसे माहौल में अगर सरकार-सेना के स्तर पर कहीं अनजाने को कोई चूक होती भी है तो यह टोकाटाकी या आलोचना का समय नहीं है। माहौल शांत होने के बाद सच्चे भारतीय नागरिक होने के नाते समय आने पर अपने सुझाव सरकार को देने चाहिएं।

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