भारत की बड़ी आर्थिक छलांग- जापान को पछाड़कर विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था बना भारत, अभी 4 ट्रिलियन बना अगला लक्ष्य 5 ट्रिलियन फिर 10 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी दूर नहीं 

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दुनियाँ की अर्थव्यवस्था जब धीमी गति से चल रही है तो भारत सेवा,मैन्युफैक्चरिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर व मेडिसिन क्षेत्र में विशेष भूमिका निभा रहा है।

 

वैश्विक मंचपर भारत की प्रतिष्ठा , निवेशकों की नजरें व विश्वास दोनों बढ़ा है,क्योंकि यह ग्रोथ तात्कालिक नहीं बल्कि टिकाऊ है-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

 

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर कोरोना कहर के बाद हम दुनियाँ के करीब-करीब हर देश की अर्थव्यवस्था में स्थिरता नहीं देख पा रहे हैं, अमेरिका में बैंक ऋण वाले मामले से लेकर इंग्लैंड व श्रीलंका से लेकर पाकिस्तान तक में किसी न किसी रूप में हम अर्थव्यवस्था लेवल पर क्राइसेस देखे हैं ऊपर से वैश्विक आर्थिक मंदी की बात भी मीडिया के अनेक प्लेटफॉर्म्स पर चली थी, परंतु एक बात पूरी दुनियाँ ने रेखांकित की है कि, भारतीय अर्थव्यवस्था स्थिर ही नहीं बल्कि आगे बढ़ती गई और ब्रिटेन को पछाड़कर विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था बना था। आज हम इस विषय पर इसलिए चर्चा कर रहे हैं क्योंकि फिर एक बार भारत ने आर्थिक स्तरपर बड़ी लम्बी छलांग लगाई है, जापान को पछाड़ते हुए दुनियाँ की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। यानें 4 ट्रिलियन डॉलर से बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है, यह बात अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) 2025 में कही गई है,जो अभी हाल ही में जारी की गई है यानें भारत अपने पीएम के स्वप्न 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था अभी बस एक कदम पीछे है, मुझे पूरी उम्मीद है करीब एक-दो वर्षों में ही हम यह लक्ष्य हासिल कर लेंगे, फिर हम 10 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य और विज़न 2047 के लिए तेजी से कार्य करेंगे, जिसका लक्ष्य 25 मई 2025 को एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रीयों व उप मुख्यमंत्रीयों की बैठक में माननीय पीएम महोदय ने मार्गदर्शन दिए हैं।इसके पूर्व 24 मई 2025 को नीति आयोग की 10वीं गवेर्निंग काउंसिल की बैठक में भी यह मंत्र दे चुके हैं। क्योंकि दुनियाँ की अर्थव्यवस्था जब धीमी गति से चल रही है, तो भारत सेवा, मैन्युफैक्चरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर व मेडिकल क्षेत्रों में विशेष भूमिका निभा रहा है तथा वैश्विक मंच पर भारत की प्रतिष्ठा, निवेशकों की नजरें व विश्वास दोनों बढ़ाते हैं।चूँकि यह ग्रोथ तात्कालिक नहीं बल्कि टिकाऊ है,इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे,भारत की बढ़ी आर्थिक छलांग, ब्रटेन को पछाड़कर विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना, भारत अभी 4 ट्रिलियन बना अगला लक्ष्य 5 ट्रिलियन फिर 10 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी दूर नहीं!

साथियों बात अगर हम भारत को विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की करें तो, भारत ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक और बड़ी छलांग लगाते हुए जापान को पीछे छोड़ दिया है। भारत अब दुनियाँ की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है।यह जानकारी आईएमफ की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट (अप्रैल 2025) में दी गई है। नीति आयोग के सीईओ ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि भारत की जीडीपी अब 4 ट्रिलियन डॉलर से अधिक हो चुकी है,और ये कोई हमारा अनुमान नहीं, बल्कि आईएमफ के आंकड़े हैं।उन्होंने यह भी कहा कि अगर देश की नीतियां इसी तरह बनी रहीं तो आने वाले 2 से 3 सालों में भारत जर्मनी को भी पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।2023 के आंकड़ों के अनुसार टॉप 10 अर्थव्यवस्थाओं की लिस्ट (जीडीपी के आधार पर): (1)अमेरिका–$27.72 ट्रिलियन (2) चीन–$17.79 ट्रिलियन (3) जर्मनी–$4.52 ट्रिलियन (4) जापान–$4.20 ट्रिलियन (5) भारत–$3.56 ट्रिलियन (6) ब्रिटेन–$3.38 ट्रिलियन (7) फ्रांस–$3.05 ट्रिलियन (8) इटली–$2.30 ट्रिलियन (9) ब्राज़ील– $2.17 ट्रिलियन (10) कनाडा–$2.14 ट्रिलियन,2025 -26 में भारत की जीडीपी $4.287 ट्रिलियन तक पहुंचने का अनुमान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की नई रिपोर्ट के अनुसार 2025-26 में भारत की जीडीपी $4.287 ट्रिलियन तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि जापान की जीडीपी $4.186 ट्रिलियन रहने का अनुमान है।याने भारत अब जापान से आगे निकल चुका है।अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने यह भी कहा कि भारत की विकास दर 2025 में 6.2 पेर्सेंट और 2026 में 6.3 पेर्सेंट रहने का अनुमान है, जो कि बाकी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में ज्यादा है। भारत अगले 2-3 वर्षों में जर्मनी को भी छोड़ देगा पीछे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अनुमान लगाया है कि अगर यही रफ्तार रही तो भारत अगले 2-3 वर्षों में जर्मनी को भी पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इससे स्पष्ट है कि भारत अब सिर्फ जनसंख्या में ही नहीं, अर्थव्यवस्था के मामले में भी दुनियाँ में सबसे आगे निकलने की रेस में है।

साथियों बात अगर हम भारत के चौथी अर्थव्यवस्था पर छलांग लगाने के को अहम् उपलब्धि माननेकी करें तो,यह आर्थिक छलांग भारत के लिए इतनी अहम क्यों है? इसका पहला कारण है वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति, जैसे ही भारत ने जापान को पीछे छोड़ा और चौथे नंबर पर आया, निवेशकों की नजरें और विश्वास दोनों बढ़े हैं, दूसरी बात, भारत की युवा आबादी, बढ़ता मध्यम वर्ग और टेक्नोलॉजी हब बनता इको- सिस्टम यह दिखाता है कि यह ग्रोथ सिर्फ तात्कालिक नहीं, बल्कि टिकाऊ है। इसका असर हर नागरिक पर भी पड़ता है,चाहे वह नौकरी के नए अवसर हों, निवेश के रास्ते हों या जीवन स्तर में सुधार, हालांकि चुनौतियां भी हैं, जैसे कि प्रति व्यक्ति आय अब भी कम है, और आयात पर निर्भरता बनी हुई है, लेकिन फिर भी, यह उपलब्धि बताती है कि भारत अब उस मोड़ पर पहुंच चुका है जहां से उसका अगला लक्ष्य,5 ट्रिलियन,फिर 10 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी, दूर नहीं रह गया, एक 4 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी होना दर्शाता है कि देश में उपभोग बढ़ा है, निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है,चाहे वह तकनीक हो, सेवा क्षेत्र, मैन्युफैक्चरिंग या इंफ्रास्ट्रक्चर हो हर सेक्टर अपनी भूमिका निभा रहा है, खास बात यह भी है कि यह ग्रोथ ऐसे समय पर हुई है जब दुनियाँ भर की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं धीमी गति से चल रही हैं, इसके विपरीत भारत तेज गति से विकास कर रहा है, इसका सीधा मतलब यह है कि देश में एक साल में जितना उत्पादन, सेवाएं और कारोबार होता है, उन सभी की कुल कीमत अब 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच चुकी है, यह आंकड़ा ‘नॉमिनल जीडीपी’ कहलाता है और यह किसी भी देश की आर्थिक ताकत का सबसे सीधा माप होता है. इसे डॉलर में मापा जाता है ताकि सभी देशों की तुलना की जा सकेज़, लेकिन सिर्फ एक बड़ी संख्या होना इस खबर को खास नहीं बनाता, असल बात यह है कि यह आंकड़ा भारत की वैश्विक भूमिका, उसकी आर्थिक नीतियों और नागरिकों की सामूहिक मेहनत का नतीजा दिखाता है, इसका मतलब है कि भारत अब सिर्फ ‘उभरती हुई अर्थव्यवस्था’ नहीं, बल्कि एक ‘स्थापित वैश्विक आर्थिक शक्ति’ बन चुका है, इतिहास पर नजर डालें तो आजादी के बाद भारत को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में 60 साल लगे. फिर 2014 तक यह आंकड़ा 2 ट्रिलियन हुआ, 2021 में 3 ट्रिलियन और अब सिर्फ 4 साल में यह 4.3 ट्रिलियन तक पहुंच गया है।यानी भारत अब लगभग हर डेढ़ साल में एक ट्रिलियन डॉलर की बढ़त हासिल कर रहा है।

साथियों बात अगर हम महाराष्ट्र राज्य ने 2047 तक 5 हज़ार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखने की करें तो, हर भारतवासी के लिए यह गर्व का पल है हमारा देश जापान को पछाड़कर अब दुनियाँ की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग के सीईओ ने गवर्निंग काउंसिल की 10वीं बैठक के बाद इस बात का ऐलान किया है, खास बात है कि इसी मीटिंग में देश के एक अहम राज्य ने महाराष्ट्र ने 2047 तक 5, हज़ार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है,दरअसल, यह संकल्प महाराष्ट्र सरकार ने लिया है, और इसके लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, राज्य के मुख्यमंत्री ने शनिवार को नीति आयोग की शासी परिषद की बैठकमें यह बात कही,खास बात है कि अकेले महाराष्ट्र की इकोनॉमी, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था से ज्यादा बड़ी है,पाक की जीडीपी करीब $350-380 अरब डॉलर है, जबकि महाराष्ट्र की जीडीप $550-600 अरब डॉलर है।महाराष्ट्र के सीएम नें कहा कि उनकी सरकार विकास और विरासत संरक्षण के लिए अपनी योजना को लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है, जो 2047 तक विकसित भारत के लिए केंद्र सरकार की योजना के अनुरूप है,आगे कहा कि उनकी सरकार 2030 तक 1,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने पर काम कर रही है। बता दें कि मुंबई, भारत की आर्थिक राजधानी होने के साथ-साथ एशिया का एक बड़ा फाइनेंशियल हब है, पाक में इसकी तुलना में कोई शहर है ही नहीं, पाक का कमर्शियल कैपिटल, कराची भी मुंबई के आगे बहुत फीका है।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारत की बड़ी आर्थिक छलांग- जापान को पछाड़कर विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था बना भारत, अभी 4 ट्रिलियन बना अगला लक्ष्य 5 ट्रिलियन फिर 10 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी दूर नहीं।दुनियाँ की अर्थव्यवस्था जब धीमी गति से चल रही है तो भारत सेवा, मैन्युफैक्चरिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर व मेडिसिन क्षेत्र में विशेष भूमिका निभा रहा है।वैश्विक मंच पर भारत की प्रतिष्ठा, निवेशकों की नजरें व विश्वास दोनों बढ़ा है, क्योंकि यह ग्रोथ तात्कालिक नहीं बल्कि टिकाऊ है।

 

*-संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र *

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