भारत की समृद्ध सांस्कृति की विरासत विविधता व कलाओं को विश्व के मेज़बान देश व राष्ट्रअध्यक्षों तक पहुंचाने का अद्भुत नायाब तरीका
भारतीय संस्कृतिक़ विरासत की विविधताकी सौगातों से पीएम द्वारा अपनी विदेश यात्राओं में मेज़बान देशों को परिचित कराने में अद्भुत योगदान-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र
गोंदिया – वैश्विक स्तरपर आदि अनादि काल से भारत को सोने की खान कहा जाता रहा है, इसका कारण न केवल यहां के भरपूर प्राकृतिक संसाधन बौद्धिक क्षमता बल्किसांस्कृतिक विरासत संस्कारों का खजाना सहित हमारी सांस्कृतिक धरोहर विरासत के अनेक संसाधन भी भारत में है,जो भारत की समृद्धि का विकास करने में काफी अहम रोल अदा कर रहा है,इसलिए पूरे विश्व की नज़रे भी भारत की ओर उठी है,जिसका भारत सटीकता से स्वागत कर कूटनीतिक चर्चाओं के अतिरिक्त दुनियाँ के मेज़बान देशों व राष्ट्रीध्यक्षों को भारतीय संस्कृति की विविधता की सौगातें दी जा रही है,जिसका विशाल समृद्ध दूरगामी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेगा।वर्तमान में भारत के प्रति विश्व का सहयोगात्मक भाव विकसित हो रहा है जो सटीक उदाहरण है, यह बात आज हम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि हमारे पीएम 16 से 21 नवंबर 2024 की सफ़ल विदेश यात्रा पूर्ण कर 22 नवंबर 2024 को देर रात भारत पहुंचे, जिसमें नाइजीरिया ब्राज़ील गुयाना की यात्रा है,परंतु आज हम चर्चा का विषय पीएम द्वारा भारत के अनेकों राज्यों की सांस्कृतिक धरोहरों विविधताओं को इन राष्ट्रीअध्यक्षों, मेज़बान देशों को उपहार में देकर उन्हें मोहित कर दिया है,इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, भारतीय समृद्ध संस्कृति की विरासत विविधताओं का कूटनीति में जबरदस्त आगाज़,हर तोहफा कुछ कहता है!
साथियों बात अगर हम भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की विविधता व कलाओं को विश्व के मेजबान देश व अनेक राष्ट्रध्यक्षों तक पहुंचाने के अद्भुत नायाब तरीके की करें तो,भारत के पीएम जब भी विदेश यात्रा पर जाते हैं, वह कूटनीतिक चर्चाओं से इतर देश की समृद्ध संस्कृति की विविधता की सौगात भी अपने साथ ले जाते हैं और उससे मेजबान देशों का परिचय कराते हैं। यह देश की सांस्कृतिक विरासत और कलाओं के जरिए संबंधों को कूटनीति की सीमाओं के परे नया आयाम देने में मददगार साबित होता है। पिछले दिनों पीएम नाइजीरिया, ब्राजील और गुयाना की यात्रा पर गए थे।वह अपने साथ मेजबान राष्ट्राध्यक्षों के लिए देश के हर कोने से उपहार लेकर गए थे। इनमें आठ कलाकृतियां महाराष्ट्र से, पांच जम्मू-कश्मीर से, तीन-तीन आंध्र प्रदेश और राजस्थान से और दो झारखंड से थी।कर्नाटक, तमिलनाडु उत्तर प्रदेश,बिहार,ओडिशा औरलद्दाख से भी एक-एक कलाकृतियां थी।महाराष्ट्र के उपहारों में सिलोफर पंचामृत कलश नाइजीरिया के राष्ट्रपति को दिया गया।यह महाराष्ट्र के कोल्हापुर के पारंपरिक शिल्प कौशल का एक अद्भुत उदाहरण है।तीन देशों की अपनी यात्रा के दौरान पीएम अपने साथ महाराष्ट्र से 8, जम्मू और कश्मीर के 5, आंध्र प्रदेश और राजस्थान से 3-3, झारखंड से 2 और कर्नाटक तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा और लद्दाख से 1-1 उपहार लेकर गए थे। पांच दिनों के दौरान कई देशों के 31 नेताओं से पीएम मोदी ने मुलाकात की तोद्विपक्षीय रिश्तों का एजेंडा आगे बढ़ाने के साथ-साथ इसबात का भी ख्याल रखा कि संबंधों में दोस्ती की महक और रंगत तोहफों के जरिए आगे तक जाए।
साथियों बात अगर हम पीएम की 16 से 21 नवंबर2024 विदेश यात्रा में उपहार के जरिए भारतीय संस्कृति की विरासत दिखाने की करें तो,इन नेताओं को पीएम ने दिए ये उपहार (1) पुणे के कलाकारों के हाथ से बना चांदी का ऊंट और प्राकृतिक खुरदरा नीलम ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी एल्बनीज़ भारतीय पीएम से मुलाकात के बाद अपने साथ लेकर गए। वहीं पुर्तगाल के प्रधानमंत्री के साथ हुई मुलाकात में भारत की ओर से उपहार में पारंपरिक डिजाइन के साथ नक्काशीदार चांदी का शतरंज सेट उन्हें दिया गया। (2) भारत और इटली के बीच रिश्तों की रौशनी के प्रतीक के तौर पर प्रधानमंत्री जॉर्जिया मैलोनी को भारतीय पीएम ने चांदी से बना मोमबत्ती स्टैंड उपहार में दिया। वहीं चांदी से ही बनानक्काशीदार फलों का एक कटोरा कैरीकॉम के महासचिव के लिए तैयार उपहार बास्केट में शामिल था। (3) गयाना की प्रथम महिला के लिए तोहफा कश्मीरी रंगत के साथ पहुंचा था। इसमें पपीयर माचे बॉक्स में रखी पश्मीना शॉल अब उनके घर की सजावट और दोनों देशों के संबंधों की गर्माहट का भी एहसास कराएगी।कश्मीर की खुशबू कैरीकॉम देशों के नेताओं को दिए गए कस्टमाइज्ड गिफ्ट हैम्पर में भी शामिल थी। उन्हें तोहफों के साथ कश्मीरी केसर भी भारत से उपाहार के तौर पर मिली है। (4)पीएम के विमान में पहुंचे राजस्थान के उपहारों शामिल सिल्वर फोटो फ्रेम अब अर्जेंटीना के राष्ट्रपति के साथ ब्यूनोस आयर्स पहुंच चुका है। वहीं राजस्थान के मकराना मार्बल से बना खास नक्काशीदार पिएट्रा ड्यूरा नॉर्वे के प्रधानमंत्री को भारत के साथ रिश्तों की याद दिलाता रहेगा। राजस्थान के शिल्पकारों की मेहनत और कारीगरी से तैयार सोने के काम वाली राज सवारी मूर्ति गुयाना के प्रधानमंत्री मार्क फिलिप्स के घर की शोभा बढ़ाएगी। भारतीय पीएम की गिफ्ट बास्केट में उत्तर भारत ही नहीं दक्षिण भारत के तोहफे भी विदेश पहुंचे। इस कड़ी में आंध्रप्रदेश कीमती पत्थरों से जड़ा सिल्वर क्लच पर्स ब्राजील के राष्ट्रपति की पत्नी को भेंट किया गया। वहीं कैरीकॉम देशों के नेताओं को दिए गए कस्टमाइज्ड गिफ्ट हैम्पर में आंध्र प्रदेश की अराकू घाटी में उगाई जाने वाली खास कॉफी को भी शामिल किया गया था। (5) नाइजीरिया के उपराष्ट्रपति को हजारीबाग की सोहराय पेंटिंग दी गई जो पशु,पक्षी और प्रकृति के चित्रण के लिए जानी जाती है। वहीं इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के लिए पीएम मोदी खोवर पेंटिंग लेकर पहुंचे थे जो झारखंड की आदिवासी कला और सांस्कृतिक विविधता का प्रतिनिधित्व करती है। (6) उपहारों की कड़ी में चिली के राष्ट्रपति को भारतीय पीएम ने उत्तरप्रदेश में बना लकड़ी का बारीक नक्काशीदार और उत्कीर्ण चांदी फोटो फ्रेम भेंट किया। वहीं कर्नाटक के छोटे से शहर चन्नपटना की विशिष्ट लकड़ी से बनी खिलौना ट्रेन उन्होंने गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली के छोटे बेटे को दी। (7) फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को पीएम ने तमिलनाडु की प्रसिद्ध तंजावुर पेंटिंग भेंट की। इसे दोस्ती का इशारा कहिए या कूटनीति का संदेश, भारतीय पीएम ने फ्रेंच राष्ट्रपति को उस तमिलनाडु के कलाकारों की कला का नमूना भेंट किया जहां से सटे करईकल औऱ पुद्दुचेरी इलाके में कभी फ्रेंच कॉलोनी हुआ करती थी।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारतीय समृद्धि, संस्कृति विरासत विविधताओं का कूटनीति में ज़बरदस्त आगाज़ -हर तोहफ़ा कुछ कहता है!भारत की समृद्ध सांस्कृति की विरासत विविधता व कलाओं को विश्व के मेज़बान देश व राष्ट्रअध्यक्षों तक पहुंचाने का अद्भुत नायाब तरीकाभारतीय संस्कृतिक़ विरासत की विविधता की सौगातों से पीएम द्वारा अपनी विदेश यात्राओं में मेज़बान देशों को परिचित कराने में अद्भुत योगदान है।
*-संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यम सीए (एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र*