चंडीगढ़ 26 मई। भाखड़ा के पानी पर पंजाब और हरियाणा में चल रहे विवाद पर सोमवार को तीसरे दिन सुनवाई हुई। इस मुद्दे पर बहस पूरी हो गई है। वहीं, अब अदालत ने फैसले को रिजर्व रखा है। उम्मीद है कि जल्दी ही अदालत इस दिशा में फैसला सुनाएगी। इस दौरान हरियाणा सरकार की तरफ से दलील दी गई है कि केंद्र व हरियाणा ने अदालत में बहस के दौरान कहा कि पंजाब ने जो मुद्दे उठे याचिका में उठाए है। वह आजतक उन्होंने कभी उठाए नहीं है। इस दौरान पंजाब ने कुछ कानूनी मुद्दे भी उठाए है। हालांकि हरियाणा को नए कोटे के तहत निर्धारित पानी छोड़ दिया गया है। दूसरी ओर, डैम पर सीआईएसएफ की तैनाती के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मामले को नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष भी उठाया है।
BBMB और हरियाणा सरकार ने किया गुमराह
पंजाब सरकार ने इस मामले में पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की है। इसमें तर्क दिया गया है कि जब इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में हुई, तो केंद्र और हरियाणा सरकार पर तथ्य छुपाने का आरोप लगाया गया। सरकार ने एक एप्लिकेशन लगाई। इसमें कहा गया कि 28 अप्रैल को बीबीएमबी में पानी के मुद्दे पर सभी राज्यों की मीटिंग हुई थी, लेकिन कोई हल नहीं निकला। इसके बाद हरियाणा सरकार ने बीबीएमबी के चेयरमैन को पत्र लिखा और हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र भेजा। बीबीएमबी के चेयरमैन ने मामला केंद्र को भेज दिया। इसके बाद गृह सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जबकि पावर डिपार्टमेंट कभी मीटिंग नहीं लेता है।