लुधियाना के कूड़े में अफसरों और ठेकेदारों द्वारा मिलकर बड़ा स्कैम करने का मामला
लुधियाना 21 अप्रैल। लुधियाना नगर निगम के ठेकेदार सड़कों के टेंडरों के पीछे ही झगड़ने में लगे रहते हैं, लेकिन दूसरी तरफ कुछ ठेकेदारों की और से अफसरों के साथ ऐसी सेटिंग कर रखी है कि वे कूड़े में से ही हर महीने करोड़ों रुपए का गबन कर दे रहे हैं। दरअसल, एसई संजय कंवर की और से बड़े साहब की छत्रछाया में कूड़ा लिफ्टिंग और प्रोसेसिंग के लिए करीब 150 करोड़ रुपए के वर्क ऑर्डर जारी किए थे। चर्चा है कि कूड़ा लिफ्टिंग और प्रोसेसिंग का ठेका लेने वाली कंपनियों और अफसरों द्वारा आपसी मिलीभगत करके बड़ा घोटाला किया जा रहा है। चर्चा है कि एसई संजय कंवर और उनके बड़े साहब को इसमें 10 प्रतीशत कमीशन मिली है, जबकि अधिकारियों द्वारा अपने चहेते और कमीशन देने वाले ठेकेदारों को ही वर्क ऑर्डर जारी करवाए हैं। इस स्कैम का खुलासा होने के बाद शहर में चर्चा छिड़ी हुई है कि बड़े साहब का राज है, नगर निगम का माल है, जितना लूट सकते हो लूट लो। क्योंकि ठेकेदारों से 10 प्रतीशत लेने में बड़े साहब की हिस्सेदारी होने की बात खुद एसई संजय कंवर द्वारा मानी जा चुकी है।
एक ठेकेदार ने 2 टिप्पर से बना डाले 29 टिप्पर
वहीं चर्चा है कि एक ठेकेदार की कंपनी को कूड़ा लिफ्टिंग का ठेका दिया गया। पहले तो जब ठेकेदार द्वारा इस ठेके को लेकर शुरुआत की गई, तब तो उसके पास 2 टिप्पर ही थे। लेकिन कुछ सालों में ही उसने इतनी तेजी से कमाई की कि अब उसके पास 29 टिप्पर है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस कूड़े के ठेके में कितनी मोटी कमाई की जा रही है।
हर महीने किया जा रहा एक करोड़ का हेरफेर
जानकारी के अनुसार एसई संजय कंवर की और से कूड़ा लिफ्टिंग के वर्क ऑर्डर प्यारा सिंह एंड संस और अलायंस कंपनी को जारी करवाए थे। शहर के 33 प्वाइंट्स में से प्यारा सिंह एंड संस की और से 29 और अलायंस कंपनी द्वारा चार प्वाइंट्स से रोजाना 500 टन कूड़ा उठाया जाता है। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि एक ही कंपनी 29 प्वाइंट्स से उतना कूड़ा उठा रही है, जितना दूसरी कंपनी मात्र 4 प्वाइंट्स से ही उठा लेती है। ऐसे में दोनों कंपनियां शक के घेरे में है। वहीं चर्चा है कि ठेकेदारों और अफसरों द्वारा मिलकर कूड़ा कम उठाया और प्रोसेसिंग किया जाता है और कागजों में ज्यादा दिखाया जाता है। जिसकी एवज में 45 से 50 लाख रुपए का हेरफेर हो रहा है। जबकि महीने में करीब एक करोड़ रुपए का घोटाला किया जा रहा है।
एसई के खुलासों के बाद भी सरकार चुप क्यों ?
वहीं शहर में चर्चा है कि एसई संजय कंवर की और से निगम में घोटाले किए जा रहे हैं। मीडिया में लगातार एसई की लग्जरी कारों, टेंडरों की कमीशन, गिनी समेत अन्य खुलासे हो रहे हैं। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि इतने खुलासे होने के बावजूद पंजाब सरकार आखिर इस मामले में चुप क्यों हैं। जबकि सरकार द्वारा भ्रष्ट अफसरों पर पहल के आधार पर एक्शन लेने के जगह जगह बोर्ड लगाए जाते हैं। फिर अब इस मामले में आखिर एक्शन क्यों नहीं हो रहा। जबकि इस मामले में लगातार सरकार की छवि खराब हो रही है।
विपक्ष भी बैकफुट पर आया
वहीं इस घोटाले को लेकर पूर्व पार्षद ममता आशु की और से एसई संजय कंवर द्वारा किए जा रहे स्कैम को लेकर आवाज उठाई गई थी। लेकिन एक बार के बाद उन्होंने ने भी दोबारा मुद्दे को नहीं उठाया। जिसके बाद वे भी बैकफुट पर आ गए। जबकि बीजेपी और अकाली दल भी इस मामले में शांत हैं। बात करें बीजेपी की तो चर्चा है कि पार्टी लीडरों की आपस में ही काफी फुट है। जिसके चलते वह खुद इकट्ठा नहीं हो पा रहे। चर्चा है कि बीजेपी में बाहरी नेताओं को टिकटें दे दी जाती है, जिस कारण वर्करों में काफी रोष है।
तीन तरीकों से सरकार को लगाया जा रहा बड़ा चूना
कूड़े के इस खेल में तीन तरीकों से सरकार को मोटा चूना लगाया जा रहा है। चर्चा है कि रोजाना शहर में कूड़ा लिफ्टिंग मात्र 500 टन होती है, जबकि दस्तावेजों में 1000 टन दिखाया जाता है। इसी तरह हर महीने करोड़ों रुपए का स्कैम किया जा रहा है। जबकि दूसरे तरीके में कूड़े में प्लास्टिक को निकाला जाता है और फिर उसे बेचा जाता है। जिससे दाना तैयार होता है। जिसकी बाजार में काफी कीमत भी है। इसमें निगम को कोई हिस्सेदारी नहीं मिलती। वहीं अगर कूड़े की लिफ्टिंग में रोजाना 500 टन का हेरफेर किया जाता है तो प्रोसेसिंग में भी उतना ही हेरफेर किया जा रहा। ठेकेदार और अफसरों द्वारा सरकार की नाक तले करोड़ों रुपए जेब में डाल लिए जा रहे हैं।
सोच में पड़े बाकी ठेकेदार
वहीं निगम के बाकी ठेकेदारों की और से सड़कें और गलियां बनाने के ठेके लेने के लिए आपस में झगड़ा कर लिया जाता है। लेकिन कूड़े में हो रही कमाई ने उन ठेकेदारों की आंखें ही खोलकर रख दी है। वे भी हैरान है कि कूड़े में ही इतनी कमाई हो रही है तो सड़कों और गलियों के पीछे झगड़ने की क्या जरुरत है।
कूड़ा डंप से पानी हो रहा प्रदूषित
ताजपुर रोड पर बने कूड़े के डंप को खत्म करने के लिए ठेके तो अलॉट हो रहे हैं, लेकिन डंप खाली आज तक नहीं हो सके। जबकि इस कूड़े से धरती के नीचे का पानी भी प्रदूषित हो रहा है। करीब दो साल पहले डंप पर आग लगने के बाद चैकिंग के लिए पूर्व निगम कमिश्नर संदीप रिषी मौके पर पहुंचे थे। लेकिन वहां इतनी बदबू थी कि कमिश्नर खुद खड़े नहीं हो सके थे। जबकि समाजसेवी सच्चा यादव द्वारा चैकिंग करवाई गई थी। उन्होंने खुलासा किया गया था कि करीब दो किलोमीटर तक पानी प्रदूषित हो चुका है, जो लोगों के पीने लायक नहीं रहा। जिस पर निगम ने दावा किया था कि पानी की लाइन बिछाई जाएगी। लेकिन आज तक वे लाइन ही नहीं डाली जा सकी।
कमीशन घोटाले में कई लोगों से पूछताछ
वहीं एसई संजय कंवर की और से ठेकेदारों से 10 प्रतिशत कमीशन लेने के मामले में विजिलेंस की और से सोमवार को कई लोगों से पूछताछ की। इस दौरान एसई द्वारा जारी किए गए टेंडरों को लेकर भी सवाल किए गए। चर्चा है कि जल्द विजिलेंस बड़ा एक्शन ले सकती है।
ऐसे होता है कूड़े का पूरा प्रोसेस
शहर में कुल कूड़े के प्वाइंट्स – 33
29 प्वाइंट्स से एकत्रित होता कूड़ा – 500 टन
4 प्वाइंट्स से एकत्रित होता कूड़ा – 500 टन