डेराबस्सी के बिजनेसमैन मुकेश वर्मा के साथ बड़े लोन दिलाने के नाम पर 18.50 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। मुकेश के मुताबिक पंचकूला के रिटायर्ड बैंक मैनेजर मुनीष बडोला ने अपने साथियों के साथ मिलकर ये फ्रॉड किया। पुलिस ने शिकायत के बाद केस दर्ज कर दिया है और जांच चल रही है।
कैसे शुरू हुई ठगी?
मुकेश की कंपनी को ओवरसीज से बड़ा ऑर्डर मिला था, जिसके लिए उन्हें तुरंत 5 करोड़ रुपये के बिजनेस लोन की जरूरत थी। इसी दौरान उनकी मुलाकात दविंदर सिंह से हुई, जिसने उन्हें मुनीष बडोला से मिलवाया। आरोप है कि बडोला ने खुद को फाइनेंस एक्सपर्ट बताते हुए लोन जल्दी पास कराने का भरोसा दिया। मुलाकात के समय सुदेश अरोड़ा और हिमांशु भी वहीं मौजूद थे।
फीस के नाम पर उड़ाए लाखों
मुकेश के मुताबिक प्रोसेस फीस और हिडन चार्जेज के नाम पर उनसे किस्तों में 18.50 लाख रुपये ले लिए गए। हिमांशु एक तथाकथित लीगल एडवाइजर को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए उनके ऑफिस और गारंटर के घर भी लेकर आया। बाद में आरोपियों ने कहा कि फाइल डिस्बर्समेंट में जा चुकी है, लेकिन उम्र का बहाना बनाकर लोन रिजेक्ट कर दिया गया।
पुलिस जांच में खुलासा
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि ये चारों लोग लोन दिलाने के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठते हैं। पुलिस ने सभी के बयान दर्ज किए और जांच में मुनीष बडोला की भूमिका साफ होने पर उसके खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा है कि डॉक्यूमेंट और ट्रांजैक्शन के बेसिस पर आगे कार्रवाई होगी।
