पटियाला 22 मई। पद्म श्री साहित्यकार डॉ. रतन सिंह जग्गी का वीरवार 22 मई को देहांत हो गया है। उन्होंने पटियाला के सद्भावना अस्पताल में आखिरी सांस ली। वह 98 साल के थे। वह कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उनका संस्कार 23 मई को पटियाला होगा। उन्होंने साहित्यिक क्षेत्र में अपनी अनमोल रचनाओं का एक समृद्ध धरोहर छोड़ा है, जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी। उनके परिवार में उनकी पत्नी डॉ. गुरशरण कौर जग्गी (सेवानिवृत्त प्राचार्य, सरकारी महिला कॉलेज, पटियाला) और एक पुत्र मलविंदर सिंह जग्गी (सेवानिवृत्त आईएएस) हैं।
रामचरितमानस का पंजाबी में किया अनुवाद
डॉ रतन सिंह जग्गी ने हिंदू धर्म के गौरवमयी ग्रंथ तुलसी रामायण रामचरितमानस का पंजाबी में लिपि अंतर और अनुवाद किया। इसे पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला द्वारा प्रकाशित किया गया और इस पर साहित्य अकादमी नई दिल्ली द्वारा साल 1989 में राष्ट्रीय स्तर का प्रथम पुरस्कार दिया गया। इसके अलावा पंजाबी साहित्य संदर्भ केस तैयार किया गया, जिसे साल 1994 में पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला द्वारा प्रकाशित किया गया।