बठिंडा 1 जून। भाजपा पंजाब के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अश्वनी शर्मा ने कहा कि राज्य के हर गांव और शहर में नशीले पदार्थों की बिक्री जारी है। पंजाब में नशा मुक्ति का सपना अभी भी अधूरा है। मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा 31 मई तक पंजाब को नशा-मुक्त करने का वादा पूरा नहीं हो सका है। बठिंडा में मीडिया से बात करते हुए विधायक अश्वनी शर्मा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान ने 2020 से 2022 तक, चुनाव से पहले एक महीने में नशा खत्म करने का वादा किया था। मान ने 16 मार्च 2022 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनकी पहली डेडलाइन 16 अप्रैल 2022 थी। इसके बाद जून 2022 तक की दूसरी डेडलाइन भी बीत गई। 15 अगस्त 2023 की तीसरी डेडलाइन को बढ़ाकर 15 अगस्त 2024 कर दिया गया। जून 2024 में चौथी डेडलाइन 31 दिसंबर 2024 तक की गई। अब 1 मार्च 2025 को पांचवीं डेडलाइन 31 मई 2025 तक कर दी गई है।
युद्ध नशे विरुद्ध फेल , नहीं टूटी सप्लाई चेन
उन्होंने कहा कि, सब जानते हैं कि कोरोना के दौरान नशे की सप्लाई चेन टूटी, जिस कारण हर जिले में नशा छुड़ाओ केंद्रों के बाहर दवाई लेने की बड़ी-बड़ी लाइन लग गई थी। परंतु 1 मार्च 2025 से शुरू किए गए युद्ध नशे विरुद्ध के समय नशा छुड़ाओ केंद्रों के बाहर ऐसी कोई पंक्तियां नहीं लगी। इसका मतलब स्पष्ट है कि पंजाब सरकार का अभियान सिर्फ विज्ञापनों, कार्यक्रमों व खबरों तक सीमित रहा। कोई सप्लाई चेन नहीं टूटी।
नशे ने भयानक रूप धारण कर लिया
अश्वनी शर्मा ने कहा कि पंजाब में नौजवान लड़कों के साथ-साथ 8 से 12 साल के बच्चे, लड़कियां और गर्भवती महिलाएं भी नशे की चपेट में आ रही हैं। नशे में धुत युवाओं, खासकर लड़कियों की वीडियो रोज वायरल हो रही हैं। नशे के लिए आदी लोगों ने अपने ही परिवार के सदस्यों की हत्या कर दी है और दूध पीते बच्चों को दीवार से पटककर मार डाला है। नशे की वजह से पूरे परिवार तबाह हो गए हैं और उनके घरों पर ताले लग गए हैं।