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न्यूकॉन ट्रांसफार्मर कंपनी मालिक के हाई प्रोफाइल किडनैपिंग व  5 करोड़ फिरौती केस में दोषियों को उम्रकैद

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कोर्ट का फैसला : दो कारोबारियों के बेटा और बेटी समेत 7 दोषियों को उम्रकैद, 2 लाख जुर्माना लगा, लड़की ने दोस्त संग मिल बनाया था प्लान

(राजदीप सिंह सैनी)

लुधियाना 30 सितंबर। लुधियाना में ट्रांसफार्मर कंपनी के मालिक को जाली पुलिस मुलाजिम बन वर्दी पहनकर आए किडनैपरों द्वारा किडनैप कर पांच करोड़ की फिरौती लेने के मामले में लुधियाना जिला अदालत की और से फैसला सुनाया गया है। 11 साल ट्रायल चलने के बाद इस मामले में अदालत की और से दो कारोबारियों के बेटा और बेटी समेत सात लोगों को दोषी करार करते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। इसी के साथ दो लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया है। दोषियों की पहचान गुरअर्पण सिंह, दीपाली बस्सी, हिम्मत सिंह, अमित, साहिल चंडेल, सोनू चौरसिया और टोनी के रुप में हुई है। एडिशनल सेशल जज हरबंस सिंह लेखी की अदालत द्वारा यह फैसला सुनाया गया है। जानकारी देते हुए पक्ष के एडवोकेट सुभाष गुप्ता ने बताया कि मामले के पीड़ित अग्र नगर निवासी मनीश बराड़ा न्यूकोन स्विच गेयर प्राइवेट लिमिटेड, दोराहा के मालिक है। वह 13 जुलाई 2013 की शाम अपने ड्राइवर हेमराज के साथ अपनी बीएमडब्ल्यू कार में सवार होकर फैक्ट्री से घर जा रहे थे। रास्ते में मल्लीपुर फ्लाईओवर के पास उनकी कार के आगे बाइक सवार दो बदमाश आए। जिन्होंने उन्हें जबरन रोका और मनीष व हेमराज को किडनैप कर लिया था। जिसके बाद मनीश के पिता रविंदरपाल बराड़ा को फोन कर पांच करोड़ फिरौती मांगी। उनकी और से दूसरे दिन फिरौती की रकम दे दी गई थी। जिसके बाद बदमाशों ने मनीष व हेमराज को देर रात पक्खोवाल रोड पर छोड़ दिया। थाना दोराहा पुलिस ने मामला दर्ज किया था।

45 गवाह हुए पेश, चार आरोपी हुए बरी
जानकारी के अनुसार यह ट्रायल 11 साल चला। जिसमें 45 गवाहों की कोर्ट में गवाही हुई थी। वहीं पीड़ित पक्ष की और से एडवोकेट सुभाष गुप्ता, एडवोकेट पवन घई और सुखचैन सिंह कोर्ट में पेश हुए। जिन्होंने मामले को सबुतों समेत मान्नीय न्यायधीश के समक्ष पेश किया। इस मामले में कुल 11 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिसमें से सरबजीत व धर्मा की ट्रायल के दौरान मौत हो गई। जबकि अमनदीप, परमिंदर, गोपाल कृष्ण व एक अन्य व्यक्ति को अदालत ने बरी कर दिया।

हिमाचल से बरामद हुआ था कैश
जानकारी देते हुए एडवोकेट सुभाष गुप्ता ने बताया कि वारदात के बाद सभी आरोपी फरार हो गए थे। 16 जुलाई 2013 को हिमाचल के हमीरपुर के बड़सर पुलिस को दोषी साहिल की एक अल्टो कार बरामद हुई। जिसमें 4 करोड़ 62 लाख रुपए, तीन पिस्टल, नकली एके 47 राइफल, पुलिस की पांच वर्दियां, वाकी-टाकी सेट एवं वारदात में प्रयुक्त मोबाइल फोन बरामद हुआ। फिर पुलिस ने साहिल को गिरफ्तार कर और रकम बरामद की थी।

कारोबारियों के बेटा-बेटी है दीपाली व गुरअर्पण

पुलिस को जांच में यह भी पता चला कि दोषी गुरअर्पण सिंह गिल रोड स्थित स्क्रैप आयल के मालिक का बेटा है। जबकि दीपाली बस्सी जालंधर बाइपास स्थित एग्रो फोक्स कंपनी के मालिक की बेटी है। दीपाली व गुरअर्पण ही मामले के मास्टमाइंड थे। दोनों आपस में दोस्त थे। दीपाली पीड़ित मनीश की जानकार थी। जिसके चलते वह उसके आने जाने समेत हर चीज पर नजर रख रही थी।

शॉर्टकट तरीके से बनना था अमीर
पुलिस जांच में आरोपियों ने बताया कि वह शॉर्टकट तरीके से अमीर बनना चाहते थे। जिसके चलते दीपाली व गुरअपर्ण ने मिलकर मनीश को किडनैप करने का प्लान बनाया। जिसके लिए उन्होंने बाकी आरोपियों को भी इस प्लान में शामिल किया। यहां तक कि आरोपियों द्वारा मनीश को किडनैप करके उसकी कार वहीं छोड़ दी और अपनी कार में ले जाकर पक्खोवाल रोड स्थित एक फार्म हाउस में रखा था। जांच में पता चला कि दीपाली किडनैपिंग से लेकर फिरौती की रकम मिलने तक हर बात की जानकारी गुरअपर्ण को मोबाइल मैसेज के जरिए देती रही। वहीं वे हर जगह मौजूद रही, लेकिन सामने नहीं आई थी, ताकि उसे कोई पहचान न ले।

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