नगर परिषद के अधिकारियों से ज्यादा ताकतवर हैं अवैध निर्माणकर्ता, सील तोड़कर अधिकारियों को दिखाते हैं ठेंगा
नगर परिषद के अधिकारी कानूनी कार्रवाई करने का दिखावा कर नोटिस निकाल झाड़ लेते हैं पल्ला
जीरकपुर 18 May : नगर परिषद जीरकपुर द्वारा अवैध निर्माण रोकने के लिए पंजाब सरकार व डीसी मोहाली के आदेशों पर शहर में कई बिल्डिंगे सील की गई है। बिल्डिंग सील करने के मकसद यह होता है कि नियमों के उलट होने वाले अवैध निर्माण को सख्ती से रोका जाए। लेकिन अवैध निर्माण पर लगाई सरकारी सील अवैध निर्माणकर्ताओं के लिए वरदान बनती जा रही है। क्योंकि नगर परिषद के अधिकारी एक बार अवैध निर्माण को सील करने के बाद उस तरफ ध्यान ही नहीं देते और निर्माणकर्ता सरकारी सील को बिना किसी कि इजाजत के उसे तोड़कर दुबारा से निर्माण शुरू कर देता है। उसे पता होता है या मिली भगत के चलते उसे रास्ता दिखा दिया जाता है कि अब कोई नहीं आएगा, कुछ दिन बाद आप अपना काम शुरू कर बिल्डिंग तैयार कर सकते हो भले वह अवैध ही क्यों ना हो है। यह एक बड़ा खेल नगर परिषद जीरकपुर में चल रहा है। नगर परिषद जीरकपुर के बिल्डिंग इंस्पेक्टर द्वारा 9 अप्रैल 2025 को नाभा साहिब गांव में बनाए जा रहे मालवा प्रोजेक्ट के प्लाट नंबर 8 पर बनाए जा रहे एस प्लस थ्री बिल्डिंग को अवैध करार देते हुए सील कर दिया था और वहां एक नोटिस भी चस्पा किया गया था जिसमें स्पष्ट लिखा था कि आपको नोटिस भेजकर हिदायत की गई थी कि आप अपनी बिल्डिंग के निर्माण के लिए ली गई मंजूरी व अन्य दस्तावेज नगर परिषद दफ्तर में पेश करें। लेकिन अपने कोई भी दस्तावेज पेश नहीं किया और ना ही निर्माण कार्य रोका गया। जिसके चलते नगर परिषद द्वारा यह बिल्डिंग सील की जाती है।
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सरकारी सील तोड़ने वालों के खिलाफ क्यों नहीं होती कानूनी कार्रवाई :
यहां यह बताना भी अनिवार्य है कि नगर परिषद द्वारा पिछले कुछ महीनों में कई बिल्डिंगे सील की गई है और सील तोड़ कर अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए एसएसपी मोहाली कई पत्र लिखें हैं। लेकिन हैरानी की बात है कि यह पत्र मात्र लोक दिखावा नजर आते हैं। क्योंकि आज तक एक भी अवैध निर्माणकर्ता के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया गया है। यहां यह सावल उठता है कि कानूनी कार्रवाई करने के पत्र कार्रवाई ना होना या तो पुलिस कि नलायकी है या फिर नगर परिषद की लापरवाही जो दुबारा उसका फॉलोअप नही किया जाता है या फिर इस बात में कोई संदेह नहीं के जानबूझकर निर्माणकर्ताओं को ढील दी जाती है कि वह अपना निर्माण पूरा कर सके, जो कि सीधे सीधे भ्र्ष्टाचार की ओर इशारा करता है। जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। क्योंकि पंजाब सरकार एक तरफ तो भ्र्ष्टाचार मुक्त पंजाब बनाने के ढ़ोल पीट रही है जबकि नगर परिषद के अधिकारी नियमों कि धज्जियां उड़ानें वाले लोगों का साथ दे रही है।
कोट्स
मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं हैं, मैं अभी टीम भेजकर मौका चैक करवा लेता हूं। यदि काम चलता हुआ तो काम बंद करवाया जाएगा। बाकी यदि सील तोड़ी गई है तो मौके देखने के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जगजीत सिंह जज, कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद।