पाइप से पानी सप्लाई के लिए मिलेगा सार्टिफिकेट, क्वलिटी में सुधार के लिए नियम किया सख्त
चंडीगढ़, 15 मई। ट्राईसिटी में अब सरकारी दफ्तरों में कामकाज का तरीका सुधारा जा रहा है। जिसका मकसद सरकारी महकमों में करप्शन खत्म करना है।
जानकारी के मुताबिक यूटी के चीफ सेक्रेटरी राजीव वर्मा की अगुवाई में बैठक में तय किया गया कि सभी विभाग ईमानदारी, पारदर्शिता और लोगों की संतुष्टि के लिए नए सार्टिफिकेशन और सिस्टम को अपनाएंगे। अब सभी विभाग एंटी ब्राइबरी मैनेजमेंट सिस्टम पर अमल करेंगे। इससे दफ्तरों में खासकर रिश्वत पर रोक लगेगी। हर विभाग को सर्विस क्वालिटी मैनेजमेंट सिस्टम लागू करना होगा, ताकि यह पता चल सके कि लोगों को कैसी सुविधा मिल रही है।
यहां गौरतलब है कि नगर निगम ने चंडीगढ़ में पाइप से मिलने वाले पानी की क्वालिटी का सार्टिफिकेट लेने की पहल की है। अगर यह सार्टिफिकेट मिल गया तो चंडीगढ़ देश का पहला शहर होगा, जहां लोगों को पूरी तरह से शुद्ध पानी मिलेगा। पुराने रिकॉर्ड की हालत सही नहीं है, इसलिए नगर निगम और एस्टेट ऑफिस को कहा गया है कि वे रिकॉर्ड मैनेजमेंट सिस्टम अपनाएं। ताकि कोई फाइल इधर-उधर ना हो सके। मुख्य इंजीनियर को कहा गया है कि चंडीगढ़ के लिए बनाए गए एसपी-73 बिल्डिंग नियम लागू करें, ताकि शहर की इमारतें भी सही तरीके से बनें।
वहीं, हर विभाग को एक जिम्मेदार नोडल अफसर तैनात करने को कहा गया है। जिसे भारतीय मानक ब्यूरो ट्रेनिंग देगा। लोगों को बताएंगे कि असली सामान की कैसे जांच करें। लोगों को बीआईएस केयर ऐप के बारे में बताया जाएगा, जिससे वे सोना-चांदी या किसी भी सामान की असली पहचान कर सकेंगे। छोटे व्यापारियों और फैक्ट्री मालिकों को भी गुणवत्ता के नियमों के बारे में जागरूक किया जाएगा, ताकि उनके प्रोडक्ट भी भरोसेमंद हों।
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