लोगों को नहीं काटने पड़ेंगे दफ्तरों के चक्कर, तय समय पर समस्या हल ना होने पर अफसरों की जवाबदेही होगी
चंडीगढ़, 15 मई। ट्राईसिटी में रहने वाले लोगों को प्रशानिक स्तर पर बड़ी राहत मिलेगी। चंडीगढ़ राइट टू सर्विस कमीशन ने सरकारी सेवाएं समय पर जनता तक पहुंचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब अगर कोई सरकारी काम तय समय में नहीं होता है तो विभागों के चक्कर काटने के बजाए घर बैठे ऑनलाइन शिकायत कर सकेंगे।
जानकारी के मुताबिक अगर तय समय में आपके मामलेमें तय समय पर कार्रवाई नहीं होती, तो ऑनलाइन शिकायत अपने आप वरिष्ठ अधिकारी तकपहुंच जाएगी। फिर उस अधिकारी को भी एक तय समय में शिकायत हल करनी होगा। चंडीगढ़ के 31 विभागों की 441 सेवाओं को राइट टू सर्विस एक्ट के तहत अधिसूचित किया गया है। इन सेवाओं को तय समय-सीमा में पूरा करना जरुरी है। किसी भी विभाग के देरी करने पर आवेदक पहले फर्स्ट फिर सेकेंड अपीलेट अथॉरिटी के पास अपील कर सकेगा। जो अधिकतर मामलों में विभाग का शीर्ष अधिकारी होता है। अभी तक यह प्रक्रिया मैनुअल थी, लिहाजा लोग बार-बार जानकारी को विभाग के चक्कर काटते थे।
गौरतलब है कि अब राइट टू सर्विस कमीशन अब इसे डिजिटलाइज भी करेगा। पहले चरण में ऑनलाइन अपील की सुविधा मिलेगी, बाद ऑटो अपील सिस्टम भी लागू होगा। इस सिस्टम के तहत तय समय पर सुनवाई ना होने पर मामला खुद ही आला अफसर तक पहुंच जाएगा। कमीशन सिर्फ शिकायतों के निपटारे का रिकॉर्ड ही नहीं रखेगा, बल्कि यह भी दर्ज करेगा कि जिन नागरिकों ने शिकायतें दी थीं, उनमें से कितनों को सेवाएं मिलीं। चीफ कमिश्नर डॉ. महावीर सिंह ने विभागों को साफ निर्देश दिए हैं कि निपटारे की रस्मअदायगी की बजाए यह तय करें कि लोगों को सही समाधान मिले।
यह पहल विशेष रूप से गरीब-मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी, जो विभागों के चक्कर काटते हैं। सभी सेवाएं डिजिटलाइज होने से पारदर्शी डिलीवरी भी तय हो सकेगी। देश के केवल 7 राज्यों और चंडीगढ़ में ही राइट टू सर्विस कमीशन स्थापित हैं। चंडीगढ़ एकमात्र केंद्र शासित प्रदेश है, जहां यह आयोग काम कर रहा है।
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