गोलमाल है : कांग्रेस में कंड़वल की ‘री-एंट्री’ से क्या कटेगा बैंस का पत्ता !

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टीम आशु ने कंवलजीत कंडवल की कांग्रेस में ‘घर-वापसी’ करा पार्टी प्रदेश प्रधान राजा वड़िंग का स्वाद किया ‘कड़ुवा’

लुधियाना, 1 जून। फिलहाल लुधियाना में राजनीतिक-तापमान चरम पर है। दरअसल लुधियाना वैस्ट विधानसभा हल्के में उप चुनाव से पहले बड़ी तेजी से सियासी-उलटफेर हो रहे हैं। रविवार को कांग्रेस में एकाएक बड़ा ‘सियासी-खेला’ हो गया। यहां आत्मनगर हल्के से कांग्रेस के टिकट पर पिछला विधानसभा चुनाव लड़ने वाले कंवलजीत सिंह कड़वल की ‘घर-वापसी’ हो गई। जो पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी में चले गए थे। फिर उन्होंने कुछ महीनों पहले आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली थी। अब उनको फिर से कांग्रेस में शामिल करते वक्त पूर्व सीएम व जालंधर से सांसद चरणजीत सिंह चन्नी के अलावा सूबे के पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु की खास मौजूदगी रही।

 

इसके साथ ही चर्चाएं शुरु हो गईं कि कांग्रेसी नेता पूर्व विधायक सिमरजीत सिंह बैंस का क्या बनेगा ? वह कांग्रेस से आत्मनगर सीट पर अगले विस चुनाव के सशक्त दावेदार माने जाते हैं। जबकि कंड़वल का कांग्रेस में लौटने का मकसद भी यही माना जा रहा है। बैंस फिलहाल कंड़वल के सियासी दुश्मन हैं। इसके साथ ही यह भी चर्चा जोरों पर है कि एक बार फिर टीम आशु ने चन्नी के कंधे पर बंदूक रखकर ‘अपनों’ पर ही निशाना साधा है। दरअसल कंडवल की ज्वाइनिंग के वक्त वड़िंग व उनके समर्थक नजर नहीं आए। इससे पहले वड़िंग का विरोध करने वाले करन वड़िंग को टीम आशु ने चन्नी के जरिए ही कांग्रेस ज्वाइन कराई थी। तब करने को पार्टी से निकालने वाले प्रधान राजा वड़िंग ने खुला रोष जताया था।

यहां काबिलेजिक्र है कि आत्मनगर सीट से पिछला विधानसभा चुनाव बैंस ने कड़वल के खिलाफ लड़ा था। तब लोक इंसाफ पार्टी के उम्मीदवार थे। हालांकि बैंस और कांग्रेसी प्रत्याशी कंड़वल, दोनों ही चुनाव हार गए थे। दोनों को आप उम्मीदवार कुलवंत सिंह सिद्धू शिकस्त देकर एमएलए बने थे। चुनाव में खूनी टकराव के चलते कभी जिगरी दोस्त रहे कंड़वल और बैंस में सियासी-रंजिश गहरी हो गई थी।

बैंस और कंड़वल ने बदले दल :

इसके बाद पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने बैंस को अपनी पार्टी ज्वाइन करा दी थी। चर्चा रही थी कि वड़िंग को सांसद बनवाने में बैंस और उनके बड़े भाई व पूर्व विधायक बलविंदर सिंह बैंस की अहम भूमिका रही थी। वहीं पिछले लोस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार बने पूर्व सांसद रवनीत सिंह बिट्‌टू ने कंड़वल को अपनी पार्टी ज्वाइन करा दी थी। फिर कंड़वल करीब 6 महीने पहले आम आदमी पार्टी में चले गए थे। इसे वक्त का फेर ही कहेंगे कि कभी कंड़वल और बैंस शिरोमणि अकाली दल-बादल में रहते जिगरी दोस्त थे। अब एक बार फिर से फिलहाल दोनों कांग्रेस में ‘भाई-वाल’ तो बन गए, मगर भविष्य में क्या होगा, यह आने वाला वक्त ही बताएगा।

हेमराज-राशि के भी कांग्रेस में आने की चर्चा !

कांग्रेस के पूर्व कौंसलर हेमराज अग्रवाल और उनकी पुत्र-वधू राशि अग्रवाल फिलहाल भाजपा में हैं। राशि बीजेपी के महिला मोर्चा में वरिष्ठ नेत्री हैं। कंड़वल की घर-वापसी के दौरान चर्चाएं यह भी हेमराज और राशि को भी जल्द कांग्रेस ज्वाइन कराने की जोड़तोड़ चल रही है।

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