चंडीगढ़ 21 मई। केंद्र सरकार का पंजाब को झटका दिया है। केंद्र ने पंजाब की चालू वित्तीय वर्ष की कर्ज सीमा में कटौती की है। यह कटौती 16,477 करोड़ रुपए की गई है। वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक के जनरल मैनेजर को पत्र लिखा है। पहले नौ महीनों के लिए 21,905 करोड़ रुपए की कर्ज सीमा को मंजूरी दी गई थी। बिजली सब्सिडी को न चुकाना इसकी मुख्य वजह बताई गई है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने पंजाब के लिए वर्ष 2025-26 के लिए समूची कर्ज सीमा का खाका तैयार किया है। इसके अनुसार, इस चालू वर्ष में राज्य 51,176.40 करोड़ रुपए का कर्ज उठा सकता है। इस हिसाब से नौ महीनों के लिए कर्ज सीमा 38,362 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है, लेकिन मंजूरी केवल 21,905 करोड़ रुपए की दी गई है। इससे स्पष्ट है कि नौ महीनों के लिए 16,477 करोड़ रुपए की कटौती की गई है।
49,900 करोड़ कर्ज लेने की बात
केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा कर्ज सीमा में की गई कटौती के कई कारण बताए गए हैं, जिनमें से एक कारण 31 मार्च 2024 तक बिजली सब्सिडी का न चुकाना है। हालांकि, पंजाब के बजट के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में 49,900 करोड़ रुपए का कर्ज लेने की बात कही गई थी। पंजाब पर 31 मार्च 2026 तक कुल कर्ज 4.17 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है। पिछले तीन वर्षों में मौजूदा सरकार ने 1.32 लाख करोड़ रुएए का कर्ज उठाया है, जबकि विरासत में मिला कर्ज पहले से ही एक समस्या बना हुआ है। राज्य सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान ₹1.11 लाख करोड़ का राजस्व लक्ष्य रखा है, जबकि खर्च 1.36 लाख करोड़ है।