कट-टू-कट : विपक्षियों को भी सलाह, पॉजेटिव सोच के साथ जनहित में काम करें, कामयाबी खुद मिलेगी : अरोड़ा

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लुधियाना वैस्ट विस उप चुनाव में आप उम्मीदवार संजीव अरोड़ा ने तीखे सवालों पर दिए तार्किक-जवाब

लुधियाना, 5 जून। लुधियाना वैस्ट विधानसभा हल्के में होने वाले उप चुनाव को लेकर राजनीतिक-तापमान चरम पर है। ऐसे में मतदाताओं के बीच जारी चर्चाओं और उनके ‘फीडबैक’ के आधार पर ‘यूटर्न टाइम’ ने आप उम्मीदवार संजीव अरोड़ा से खास बातचीत की। उन्होंने तीखे सवालों पर बिना आवेशित हुए तार्किक-जवाब दिए।

–कहते हैं कि बिजनेस क्लास, खासकर गुजराती व पंजाबी ‘सियासी-पंगा’ नहीं लेते, मगर आपने क्यों लिया ?

–मैं तो इसे ‘पंगा’ नहीं मानता, और कई इंडस्ट्रियलिस्ट्स की तरह मैं भी राज्यसभा सांसद बना था। तब चुनाव लड़ने, वोट मांगने के बारे में नहीं सोचा था। वैस्ट हल्के के आप विधायक गुरप्रीत गोगी के निधन के बाद उसी पार्टी हाईकमान के आदेश पर चुनाव लड़ रहा हूं, जिसने मुझे राज्यसभा मेंबर बनाया था।

–डर नहीं लगता, आपके पॉजेटिव-आइडिया पर विपक्षी राजनेता अमल कर आपसे आगे निकल सकते हैं ?

–विपक्षी जनप्रतिनिधियों को भी अग्रिम बधाई देता हूं कि जनहित में काम करते रहें। हमेशा सोच पॉजेटिव रखें और लगातार फॉलोअप करते रहें, कामयाबी जरुर मिलेगी। एक और मिसाल, लुधियाना वैस्ट के तत्कालीन आप विधायक गुरप्रीत गोगी दुकानदारों की पार्किंग समस्या का मुद्दा हल कराने का कई बार जिक्र कर चुके थे, उनकी चिंता तारीफे-काबिल थी। नगर निगम से लेकर एनएचएआई तक भागदौड़ कर मैंने आखिरकार वो मसला हल कराया। देश के इतिहास में पहली बार एनएचएआई ने लुधियाना में पायलट प्रोजेक्ट बनाया। जिसके तहत 700 पार्किंग स्लॉट हैं।

–विपक्षियों, खासकर बीजेपी-कांग्रेस का इलजाम है, आप उनके विकास कामों का खुद क्रेडिट ले रहे हैं ?

–हलवारा एयरपोर्ट को लेकर 25 साल से सिर्फ दावे-बातें होती रहीं। मैंने 2 साल में इसका काम मुकम्मल कराया। इसी तरह, एलिवेटेड रोड 2016 में चालू हुई, हमेशा यही कहता हूं। हालांकि काम अधूरा होने से ट्रैफिक जाम, प्रदूषण समेत अन्य समस्या बनी थीं। सारे स्टेक-होल्डर से बात कर मैंने महज डेढ़ साल में यह काम पूरा कराया। फोकल प्वाइंट की सड़कें 15 साल से नहीं बनी थीं, वो काम शुरु कराने के साथ फिनिश कराया। उद्योग-जगत की प्रमुख समस्या ओटीएस 32 साल से अधर में थी, तीन ओटीएस लागू कराए। सिविल हास्पिटल को 40 साल बाद अपग्रेड कराने के साथ ईएसआई अस्पताल का भी रेनोवेश कराया। वहां से मरीज महंगे प्राइवेट अस्पतालों में रैफर कर दिए जाते थे। विपक्षी दल बताएं कि अर्से से ये समस्याएं हल क्यों नहीं कराई। मैं उनकी कमियां नहीं, अपने कार्यकाल के विकास काम ही गिनवाता हूं। मेरे ही कार्यकाल में 6 स्कीम इंप्रूवमेंट ट्रस्ट से लुधियाना नगर निगम में ट्रांसफर हुईं। लाल लकीर के दायरे में आने वाले लोगों को मालिकाना हक दिलाए, कई परिवार तो आजादी के बाद से इसका इंतजार कर रहे थे।

–राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप की पुरानी परंपरा है, आप विपक्षियों पर पलटवार क्यों नहीं करते ?

–यह मेरे मिजाज में है कि किसी का नाम लेकर इलजाम नहीं लगाता हूं। अब इस उप चुनाव में ढाई महीने के दौरान मेरे पर तमाम आरोप लगे, लेकिन उनकी बजाए मैं अपने प्रचार पर ही ध्यान देता हूं।

–राज्यसभा का अभी लंबा कार्यकाल बाकी होने के बावजूद आपने विस उप चुनाव लड़ने का रिस्क क्यों लिया ?

–ऐसा तो पहले भी होता रहा है, कई केंद्रीय मंत्रियों ने भी विधानसभा चुनाव लड़े हैं। रही बात, सिर्फ डेढ़ साल के लिए विधायक के कार्यकाल की तो आप चाहे एमएलए बनें या एमपी, काम छोटे पद पर भी रहकर उतने ही कर सकते हैं। यह मेरा वादा है कि विधायक बनकर कम समय में भी लुधियाना, पंजाब के लिए तमाम काम कराउंगा।

–इतने कम समय में तमाम काम कराने के बावजूद आप वोटरों को क्या विजन देना चाहेंगे ?

–ऐसा नहीं, काम तो बहुत बाकी हैं, सारी उम्र लगाकर भी नहीं निपटेंगे। कई जगह तो आजादी के बाद से अभी तक मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। आपके मुताबिक बहुत से लोग मुझे अघोषित-डिप्टी सीएम कहते हैं तो यह उन नजरिया है। मैंने हमेशा पार्टी के हुक्म को परिवार वाले फैसले की तरह माना है। आगे भी हाईकमान का जो आदेश होगा, वही करुंगा।

–आपकी सुनवाई अफसरों से लेकर केंद्रीय मंत्री तक क्यों होती है ?

–देखिए, प्रशासनिक अधिकारियों को सांसद आदेश-निर्देश दे सकता है। इसमें महत्वपूर्ण प्रोटोकॉल होता है, अधिकारियों से लेकर मंत्रियों तक चर्चा करने के लिए मेरी ओर से बाकायदा पत्र लिखा जाता है। जिसका सकारात्मक ही जवाब मिलता है।

–सुना है कि राज्यसभा के दो साल के कार्यकाल की तरह इस उप चुनाव में दो महीने के कामकाज पर आप की कोई पुस्तक आ रही है ?

–बेशक, तीन साल का राज्यसभा का कार्यकाल पूरा होने पर मेरी बुक जरुर आएगी। अगर उप चुनाव में दो महीने के कामकाज पर ऐसी चर्चा है तो उसको भी जरुर जारी कर देंगे।

–अगर अगली बार आप सरकार ना बनी तो बदलाखोरी वाली सियासत से डर नहीं लगता ?

–पहली बात, फिर से आप सरकार बनेगी। रही बात बदलाखोरी की तो मैंने ऐसे अनर्गल आरोप नहीं लगाए या गलत काम नहीं किए कि मुझे डर लगे। वैसे भी मेरी यही पॉजेटिव-सोच है कि भूतकाल और भविष्य के बारे में ज्यादा सोचने की बजाए वर्तमान में कुछ और बेहतर किया जाए।

-आप आखिर झटपट कैसे काम करा लेते हैं, क्या आपके पास कोई जुदाई-चिराग है ?

–दरअसल जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों से सम्मान के साथ जनता की समस्या हल करने का आग्रह करता हूं। काम होने पर उनका औपचारिक आभार भी व्यक्त करता हूं। मिसाल के तौर पर लुधियाना के ईएसआई अस्पताल को लेकर केंद्रीय मंत्री भूपिंदर यादव को समस्या समझाई, उन्होंने समझी और गंभीरता से हल कराई। तकनीकी समस्या आई, वो भी हल कराई।

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