मेरे शहर का “कूड़ा” सोना उगले, उगले हीरे-मोती

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लुधियाना 20 अप्रैल। स्वर्गीय मनोज कुमार का एक गीत अब काफी याद आ रहा है कि मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती…..। लुधियाना के नगर निगम के एसई संजय कंवर द्वारा शायद यह गीत सुना गया और फिर उस गीत पर चलते हुए एक अनोखी रीत भी बना डाली। जिसमें मेरे शहर का कूड़ा सोना उगले, उगले हीरे-मोती की नई रिवायत बना डाली। यानि के चर्चा मुताबिक लुधियाना में कूड़ा लिफ्टिंग और प्रोसेसिंग में ही एसई संजय कंवर की और से कई कंपनियों के साथ मिलकर करोड़ों रुपए का खेला किया जा रहा है। दरअसल, एसई संजय कंवर की और से अपने बड़े साहब की शह पर कूड़ा लिफ्टिंग और प्रोसेसिंग के लिए 150 करोड़ के वर्कर ऑर्डर जारी कर दिए। लेकिन वर्कर ऑर्डर तीन कंपनियों को जारी किए। हैरानी की बात तो यह है कि एक कंपनी द्वारा चार प्वाइंट से 500 टन कूड़ा रोज उठाया जा रहा है कि वहीं दूसरी कंपनी की और से 29 प्वाइंट से 500 टन कूड़ा उठाकर प्रोसेसिंग के लिए भेजा जा रहा है। हालांकि दोनों कंपनियों द्वारा काम एक ही किया जा रहा है। लेकिन अब दोनों में से घोटाला कौन कर रहा है और किसकी अधिकारियों के साथ सेटिंग है, यह अब  एसई संजय कंवर ही बता सकते है। कही न कही कूड़ा लिफ्टिंग और प्रोसेसिंग में भी एसई कंवर द्वारा बड़े साहब के साथ मिलकर बड़ा हेरफेर किया जा रहा है। चर्चा है कि हर महीने 45 से 50 लाख रुपए का हेरफेर हो रहा है।

इन कंपनियों को दिए वर्कर ऑर्डर, 33 प्वाइंट्स से कूड़ा लिफ्टिंग
कुछ समय पहले ही एसई संजय कंवर की और से अपने बड़े साहब की छत्रछाया में कूड़ा लिफ्टिंग और प्रोसेसिंग के लिए करीब 150 करोड़ के वर्कर ऑर्डर जारी किए। जिसमें 70 करोड़ सागर मोटर्स, 70 करोड़ ग्रीन टेक कंपनी और 11 करोड़ के एलायंस को वर्कर ऑर्डर दिए गए। शहर के 33 प्वाइंट्स पर कूड़ा इकट्‌ठा होता है, जहां से लिफ्टिंग होती है। जिसमें 29 प्वाइंट्स पर कांपेक्टर लगे हैं। जबकि चार प्वाइंट बुक्स मार्केट, बहादुरके रोड सब्जी मंडी, फोकल प्वाइंट जीवन नगर और ग्यासपुरा फ्लैट में कांपेक्टर न लगे होने के कारण वहां से मैनुअल तरीके से कूड़ा उठाया जाता है। एलायंस कंपनी की और से 4 प्वाइंट्स से कूड़ा उठाया जाता है। जबकि बाकी 29 जगह से चौथी कंपनी प्यारा सिंह एंड संस द्वारा उठाया जाता है।

एटूजैड की सिस्टर कंसर्न कंपनी है एलायंस
जानकारी के अनुसार जिस एलायंस कंपनी को 11 करोड़ के वर्कर ऑर्डर जारी किए गए वे एटूजैड कंपनी की सिस्टर कंसर्न कंपनी है। जबकि एटूजैड वे कंपनी है, जिसे निगम द्वारा ब्लैक लिस्ट किया हुआ है। एलायंस कंपनी को ही हंबड़ा रोड पर कूड़ा डंप पर 250 टन कूड़ा उठाने का ठेका मिला हुआ है।

सवालों के घेरे में कंपनियां और अधिकारी
चर्चा है कि एलायंस कंपनी द्वारा चार जगह से ही रोजाना करीब 500 टन कूड़ा उठाया जा रहा है। जबकि प्यारा सिंह एंड संस द्वारा 29 जगह से 500 टन कूड़ा रोजाना उठाया जाता है। ऐसे में यह दोनों कंपनियां सवालों के घेरे में हैं कि आखिर दोनों में से सही काम कौन कर रहा है। इसी के साथ साथ निगम अधिकारियों पर भी सवाल खड़े होते हैं, कि जब अगर एक कंपनी 29 प्वाइंट से इतना कूड़ा इकट्‌ठा कर रही है तो फिर एलायंस कंपनी द्वारा 4 स्थानों से उतना कूड़ा इकट्‌ठा कैसे कर लिया जा रहा है। जाहिर है कि दोनों में से एक कंपनी द्वारा अफसरों के साथ मिलकर लाखों रुपए का हर महीने चूना लगाया जा रहा है।

60 प्रतिशत हुआ काम, 85 प्रतिशत कर डाली पेमेंट
दरअसल, एलायंस द्वारा उठाया जाने वाले कूड़े की प्रोसेसिंग सागर मोटर्स और प्यारा सिंह कंपनी की ग्रीनटेक द्वारा की जाती है। चर्चा है कि सागर मोटर्स को 13 जुलाई 2022 को प्रोसेसिंग के लिए 2 साल का ठेका दिया गया था। जिसमें 18 महीने ऑप्रेशन और चार महीने प्लांट लगाने व एक महीने प्लांट उतारने का समय था। लेकिन आज 2025 आने के बाद भी कंपनी अपना काम 60 प्रतिशत ही कर सकी। जबकि निगम द्वारा उसे 85 प्रतिशत पेमेंट भी की जा चुकी है। सागर मोटर्स द्वारा अपना पहला काम पूरा नहीं किया गया और पिछले साल उसे 19 लाख टन कूड़े की प्रोसेसिंग के लिए 70 करोड़ का एक और टेंडर जारी कर दिया।

एसई और बड़े साहब ने ली 10 प्रतिशत कमीशन
चर्चा है कि एसई संजय कंवर और उसके बड़े साहब की और से कूड़े की लिफ्टिंग और प्रोसेसिंग के टेंडर अलॉट करने की एवज में 10 प्रतिशत कमीशन ली जाती है। चर्चा है कि सागर मोटर्स का पहला काम न होने के बावजूद दूसरा काम अलॉट करने की एवज में भी 10 प्रतिशत कमीशन ली गई है। अब देखना होगा कि क्या विजिलेंस द्वारा इस कूड़े के हेरफेर और बड़े साहब का खुलासा किया जाता है या नहीं।

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