लुधियाना 29 मई। लुधियाना नगर निगम में अधिकारियों द्वारा ट्रेंडर अलॉटमेंट में हेरफेर करने के मामले अक्सर ही सुर्खियों में रहते हैं। पहले जहां एसई संजय कंवर द्वारा टेंडर अलॉट मामले में करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया। वहीं अब एसई की राह पर निगम के कई अधिकारी चल रहे हैं और जमकर सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे हैं। अब एक ताजा मामला सामने आया है। जिसमें बीएंडऑर ब्रांच के अधिकारियों पर सड़क बनाने और पैचवर्क के टेंडर में करोड़ों रुपए का घोटाला करने के आरोप लगे हैं। यह घोटाला 1-2 लाख नहीं बल्कि करोड़ों रुपए में किया गया है। इस घोटाले में जो काम 60-70 लाख रुपए में हो सकता था, उसका टेंडर करीब 2 करोड़ तक बनाकर पास किया गया। इस घोटाले संबंधी एक ठेकेदार द्वारा सीएम को शिकायत भी कर दी गई है।
सरगोधा कॉलोनी, मॉल रोड समेत कई स्थानों के नाम पर स्कैम
चर्चा है कि नगर निगम द्वारा मॉल रोड का निर्माण करने के लिए 1.90 करोड़ का एस्टीमेंट बनाया गया। जबकि सड़क दोनों तरफ से एकदम सही हालत में है। जिसके बावजूद पिछले समय में सड़क पर पैचवर्क किया गया। जिसमें अच्छी क्वालिटी की कंक्रीट डालकर भी करीब 70 लाख का खर्च आना था। लेकिन जानबूझकर इसे ज्यादा रेट पर दिखाकर स्कैम किया गया। वहीं सरगोधा कॉलोनी में 1.53 करोड़ के टेंडर पास किए गए। जबकि यहां पर होने वाले कुल काम में ही 40-50 लाख रुपए लगने थे। इसी तरह हंबड़ा रोड समेत कई सड़कों के एस्टीमेंट जानबूझकर ज्यादा बनाए गए। जिसके बाद उसमें घोटाला करने के संकेत है।
जमकर ठगियां करो, बाद में हो जाती है जमानत
वहीं चर्चा है कि अब निगम अफसरों द्वारा नई रिवायत शुरु कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि जमकर ठगियों करों, अगर पकड़े भी गए तो कोई बात नहीं, 3-4 महीने में जेल से बाहर आ जाना है। जिसके बाद फिर से ठगियां शुरु हो जाएगी। इसी के चलते अब अधिकारी जमकर लूट मचाने में लगे हुए हैं।
राजा खुद ईमानदार, लेकिन सेना में कई बेईमान
वहीं लोगों का कहना है कि सीएम भगवंत मान खुद ईमानदार है और भ्रष्टाचार के खिलाफ जमकर एक्शन ले रहे हैं। लेकिन उनकी सेना में कई बेईमान अधिकारी है। जिस कारण लगातार एक के बाद एक घोटाला हो रहा है। जिसके चलते सीएम मान को इन पर सख्त एक्शन लेने की जरुरत है।
बड़े अधिकारी का नाम सामने आते ही शांत हो जाता है मामला
दरअसल, नगर निगम में कोई भी घोटाला होने पर उसके पीछे एक न एक बड़े अधिकारी का नाम सामने आता है। लेकिन अपनी पहुंच के चलते बड़े अधिकारी द्वारा मामला शांत करवा दिया जाता है। एसई संजय कंवर के मामले में भी बड़े साहब का नाम सामने आने पर मामले को शांत कर दिया गया।
आखिर निगम कमिश्नर की पीए के पास कौन से हैं राज ?
वहीं चर्चा है कि नगर निगम कमिश्नर आदित्य डेचलवाल की पीए नीतू को सरकारी इनोवा गाड़ी दे रखी है। नियमों के मुताबिक उसे गाड़ी मिल ही नहीं सकती। जिसके बावजूद पीए सरकारी गाड़ी में घूमती है। जिसे देख लोगों में चर्चा है कि आखिर पीए के पास ऐसे कौन से राज है, जिसके चलते उस पर इतनी मेहरबानी की जा रही है। चर्चा है कि उसके पास कोई न कोई तो ऐसा राज है, जिसके चलते सरकार उसकी गाड़ी का खर्च झेल रही है।