अर्बन एस्टेट प्रोजेक्ट को फेल करने में जुटे ग्लाडा के कुछ अधिकारी, बैक डेट में ली जा रही कॉलोनियों की फाइलें

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लुधियाना 17 मई। लुधियाना के लाडोवाल साउदर्न बाइपास और कैनाल रोड साउथ सिटी समेत शहर के कई इलाकों में पंजाब सरकार की और से पीपीपी स्कीम के तहत करीब 24311 एकड़ अर्बन एस्टेट विकसित की जानी है। पंजाब सरकार द्वारा इस प्रोजेक्ट में तेजी लाते ही ग्लाडा के अधिकारी भी पूरी तरह से एक्टिव हो चुके है। चर्चा है कि सरकार जहां इस प्रोजेक्ट को फाइनल करने में जुटी है, वहीं दूसरी तरफ ग्लाडा के कई अधिकारी मौका परस्तों के साथ मिलकर उनकी फाइलों को बैक डेट में डालकर इसे फेल करने में जुटे हुए हैं। अर्बन एस्टेट अनाउंसमेंट होते ही ग्लाडा के कई अफसरों द्वारा निजी फायदों के लिए यह नया खेल खेलना शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। चर्चा है कि पिछले तीन दिनों में ग्लाडा के अंदर ताबड़तोड़ फाइलों की एंट्री की गई है। हालांकि ज्यादातर एंट्रियां भी ऑन रिकॉर्ड नहीं है। जिसमें कई नामी ब्रांड व डवेलपर्स की फाइलें भी शामिल हैं। अब देखना होगा कि सरकार द्वारा इस प्रोजेक्ट को जबरन रोकने वाले अधिकारियों की पहचान कर एक्शन लिया जाएगा या नहीं। या सरकार के इस प्रोजेक्ट को अधिकारी अपनी मिलीभगत के चलते रोक लेगें।

बैक डेट में फाइलों की हो रही एंट्री
चर्चा है कि कई कॉलोनाइजरों और डवेलपर्स की और से पहले आधी जमीन की परमिशन ले रखी थी। जबकि आधी की बाकी थी। लेकिन अब उनकी उक्त आधी जमीन की फाइल को बैक डेट में डालकर अप्रूवल देने का प्रयास किया जा रहा है। ताकि बाद में अधिकारी यह कह सके कि इन्हें परमिशनें पूरी जमीन की कई साल पहले ही दे दी थी। इसी तरह कइयों द्वारा एक्सटेंशन के लिए अप्लाई किया है। जिसके लिए दस्तावेजों का भी हेरफेर करने की चर्चाएं हैं।

क्या डिजिटल के जमाने में भी चकमा दे सकेगें अधिकारी
आज का युग डिजिटल है। जिसके चलते कई बड़े दिग्गजों द्वारा कहा जा रहा है कि क्या आज के डिजिटल युग में भी क्या अधिकारी सरकार को चकमा दे सकेगें। चर्चा है कि पिछले दिनों इसी आड़ में ग्लाडा के अफसरों द्वारा मोटी कमाई भी की गई है।

सरकार के प्रोजेक्ट में रुकावट डालने की चर्चा
चर्चा है कि ग्लाडा के कुछ अधिकारियों द्वारा बैक डेट में फाइलों की एंट्री इस लिए की जा रही है, ताकि वे बाद में सरकार के आगे अपनी बात रख सकें कि इन-इन डवेलपर्स को पहले ही मंजूरी दे दी गई थी। ताकि उन डवेलपर्स की जमीनें अर्बन एस्टेट में एक्वायर न की जा सके। जिसके लिए करोड़ों रुपए का लेनदेन किया गया है। हालांकि सरकार पहले ही क्लियर कर चुकी हैं कि किसी भी कॉलोनी को टाउनशिप के बीच नहीं बनने दिया जाएगा।

क्या विपक्ष की हो सकती है साजिश ?
वहीं चर्चा है कि सरकार के इस प्रोजेक्ट को फेल करने के पीछे कही विपक्ष की कोई चाल तो नहीं है। क्योंकि सरकार के नशे विरुद्ध युद्ध, ओटीएस स्कीम लागू करना, किसानी धरने हटाने से कही न कही, लोगों में सरकार की छवि अच्छी बन चुकी है। ऐसे में अगर टाउनशिप प्रोजेक्ट आ जाएगा तो इससे लोगों के दिलों में सरकार के लिए और जगह बन जाएगी। जिसके चलते चर्चा है कि कही न कही विपक्ष द्वारा तो कही सरकार के इस प्रोजेक्ट को रोकने का प्रयास किया जा रहा।

बनावटी तेजी लाने वाले आए मुश्किल में
वहीं चर्चा है कि जिन लोगों द्वारा कैनाल रोड साउथ सिटी और लाडोवाल साउदर्न बाइपास पर बनावटी तेजी लाई गई थी। जिनकी और से अपने किले को करोड़ों रुपए में बताया जाता था। अब वे भी रडार पर हैं। वे अब मुश्किल में आ चुके हैं। क्योंकि उनके बनावटी तेजी के भाव जो आसमान को छूह रहे थे, अब वे जमीन पर आ चुके हैं।

देर आए दरुस्त आए
विक्की मल्होत्रा ने कहा कि आप सरकार आते ही पहले साल में इस टाउनशिप का प्लान किया था। अगर तभी इसे फाइनल करके प्रोजेक्ट की शुरुआत कर दी जाती तो सरकार की लोगों में और अच्छी छवि बन जाती। खैर, देर आए दरुस्त आए, अभी भी सरकार इस प्रोजेक्ट को पूरा करे तो सरकार कामयाब होगी।

प्रॉपर्टी बाजार में होगी बड़ी करेक्शन
नितिन वासन ने कहा कि यह सरकार का एक अच्छा स्टैप है। इससे आम जनता और असली यूजर को फायदा मिलेगा। इससे प्रॉपर्टी बाजार में बड़ी करेक्शन होगी।

शरारती लोगों पर पड़ेगी नुकेल
प्रन्य सूद ने बताया कि जो प्राइवेट कॉलोनाइजर पहले तंग करते थे और लोगों का शोषण करते थे, वे चीजें अब बंद हो जाएंगी। शरारती लोगों पर नुकेल पड़ेगी। वहीं यह सरकार का सराहणीय प्रयास है। इससे आम जनता को उसका घर मिल सकेगा।

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