विश्व लिवर दिवस 19 अप्रैल 2025 – संतुलित भोजन ही ताकतवर औषधि है 

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हमारी दिनचर्या और आहार में गड़बड़ी ही लीवर को गंभीर क्षति पहुंचा सकती है

 

लीवर मानव शरीर में सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है जो विष हरण,चयापचय और पाचन क्रिया में केंद्रीय भूमिका निभाता है-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र

 

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर प्रतिवर्ष करीब करीब प्रत्येक दिवस को किसी न किसी ईवंट या दिवस के रूप में राष्ट्रीय या वैश्विक स्तरपर समर्पित किया गया है, जो राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो मानव शरीर, उसके कार्य, व्यवसाय तथा क्रियाओं से लेकर राष्ट्र व स्वास्थ्य के प्रति समर्थित होता है, उस प्रत्येक दिन के संबंध में विस्तृत रूप से छोटे से बड़े करीब करीब हर व्यक्ति के लिए जन जागरण का आवाहन होता है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हमारे खान-पान और लाइफ स्टाइल का असर हमारी सेहत पर सीधा पड़ता है। गलत खानपान, फिजिकल एक्टिविटी की कमी और तनाव जैसे कारणों से कई गंभीर बीमारियां जन्म लेती हैं, इनमें से एक आम समस्या है फैटी लिवर, इसमें लिवर पर एक्स्ट्रा फैट जमा हो जाता है। शुरू में लोग इसे नजर अंदाज करते हैं पर अगर ये दिक्कत बढ़ जाए तो इसकी वजह से शरीर कई बीमारियों का शिकार हो जाता है। आज हम इस विषय पर चर्चा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि 19 अप्रैल 2025 को मानव शरीर में मस्तिष्क के बाद बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले लीवर का ध्यान रखनें का दिवस है। चूँकि हमारी दिनचर्या और आहार में गड़बड़ी ने लीवर को बहुत क्षति पहुंचाई है तथा लीवर मानव शरीर में सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है जो विष हरण चयापच्या और पाचन क्रिया में केंद्रीय भूमिका निभाता है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, विश्व लिवर दिवस 19 अप्रैल 2025 संतुलित भोजन ही ताकतवर औषधि है। इस आर्टिकल में लिखी गई बातें परामर्श सुझाव मात्र हैं।

साथियों बात अगर हम 19 अप्रैल 2025 को विश्व लिवर दिवस मनाने की करें तो,यह अपरिहार्य अंग के बारे में जागरूकता पैदा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। भारत में, लिवर रोग का बोझ बहुत अधिक है, लाखों लोग फैटी लिवर और सिरोसिस से पीड़ित हैं, ऐसी स्थितियाँ जो दुखद रूप से हर साल अनगिनत लोगों की जान ले लेती हैं।अस्वास्थ्यकर जीवनशैली की आदतें जैसे अत्यधिक शराब का सेवन, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों और संतृप्त वसा से भरपूर आहार और शारीरिक गतिविधि की कमी इसके प्रमुख कारण हैं। अब समय आ गया है कि हम इस पर ध्यान दें और सक्रिय कदम उठाएँ। हमारा लीवर हमारे शरीर का सबसे मूल्यवान खिलाड़ी है, जो हमको बेहतरीन स्थिति में रखने के लिए अथक प्रयास करता है।पाचन,विषहरण, और यहां तक ​​कि पुनर्जीवन के बारे में सोचें – हमारा लीवर यह सब संभालता है। क्या हम जानते हैं कि जब लीवर का काम करना बंद हो जाता है तो क्या होता है? फैटी लीवर रोग, सिरोसिस और यहां तक ​​कि कैंसर भी हो सकता है,कभी-कभी इसकेपरिणाम अपरिवर्तनीय हो सकते हैं।

साथियों बात अगर हम लीवर के स्वास्थ्य में चार स्तंभों की करें तो, हमारा लीवर हमारे शरीर में सबसे ज़्यादा काम करने वाले अंगों में से एक है। यह विषाक्त पदार्थों को छानता है, वसा को तोड़ता है, पाचन में मदद करता है और ज़रूरी पोषक तत्वों को संग्रहीत करता है। इसे बेहतरीन स्थिति में रखने के लिए, लीवर के स्वास्थ्य के चार मुख्य स्तंभ हैं: (1) संतुलित पोषण–हम जो खाते हैं उसका सीधा असर हमारे लीवर पर पड़ता है। हम एंटी ऑक्सीडेंट, फाइबर और स्वस्थ वसा से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं। पत्तेदार सब्जियां, हल्दी, लहसुन, खट्टे फल और साबुत अनाज लीवर के काम करने में मदद करते हैं। बहुत ज़्यादा चीनी, तले हुए खाद्य पदार्थ और प्रोसेस्ड स्नैक्स का सेवन सीमित करें। (2) नियमित शारीरिक गतिविधि–व्यायाम करने से लीवर में वसा का संचय कम होता है। व्यायाम इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाता है और वजन नियंत्रण में मदद करता है। हम सप्ताह में 5 बार कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें। यह पैदल चलना, योग या शक्ति प्रशिक्षण हो सकता है। (3) विषाक्त पदार्थों और शराब का सेवन सीमित करें–लीवर हमारे द्वारा खाए और पिए जाने वाले हर पदार्थ को फ़िल्टर करता है। शराब और अत्यधिक दवाओं का सेवन आपके लीवर को ओवरलोड और नुकसान पहुंचा सकता है। शराब को कम करने या खत्म करने की कोशिश करें, और दवाओं का उपयोग केवल तभी करें जब ज़रूरत हो और डॉक्टर की सलाह पर ही करें।(4) नियमित जांच और हाइड्रेशन– नियमित रूप से लिवर फंक्शन टेस्ट करवाने से समस्याओं का जल्दी पता लगाने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, दिन भर में खूब पानी पिएं – यह विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है और हमारे लिवर को हाइड्रेटेड और सक्रिय रखता है।जब सभी चार स्तंभ एक साथ काम करते हैं, तो वे यकृत के स्वास्थ्य और दीर्घकालिक कल्याण के लिए एक मजबूत आधार तैयार करते हैं।

साथियों बात अगर हम मानवीय किया में लिवर के महत्वपूर्ण स्थान की करें तो, हमारा लीवर हर दिन कड़ी मेहनत करता है, विषाक्त पदार्थों को छानना, हार्मोन को संतुलित करना और पाचन को सहारा देना। लेकिन जिस तरह हमारे फोन को रिचार्ज करने की ज़रूरत होती है, उसी तरह हमारे लीवर को भी नियमित रूप से डिटॉक्स की ज़रूरत होती है। हमको महंगे जूस या कठोर क्लीन्ज़र की ज़रूरत नहीं है। ये छह सरल, प्राकृतिक आदतें हमारे लीवर को प्यार महसूस करने और उसके बेहतरीन तरीके से काम करने में मदद कर सकती हैं: (1) हमारे दिन की शुरुआत गर्म नींबू पानी से करें–हमारे लीवर को जगाने का सबसे आसान तरीका है हर सुबह ताजे नींबू के रस के साथ गर्म पानी पीना। नींबू,विटामिन- सी से भरपूर फल , लीवर को विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और पित्त उत्पादन को शुरू करने के लिए उत्तेजित करता है। यह एक छोटी सी रस्म है जो लीवर के स्वास्थ्य और पाचन के लिए बड़े लाभ देती है। (2) हल्दी का उपयोग खाना पकाने में या टॉनिक के रूप में करें–हल्दी हमारे लीवर के लिए एक स्वर्णिम कवच की तरह है। हल्दी में मौजूद शक्तिशाली यौगिक करक्यूमिन में सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव होते हैं। हल्दी को करी या दूध में मिलाएँ, या फिर हल्दी की साधारण चाय बनाएँ। नियमित सेवन से लीवर को नुकसान से बचाने में मदद मिलती है, डिटॉक्स में मदद मिलती है और लीवर की कोशिकाओं को पुनर्जीवित भी किया जा सकता है।हम अपने लीवर की सुरक्षा के लिए हल्दी वाली कॉफी के फायदे भी आज़मा सकते हैं। (3) आंतरायिक उपवास का अभ्यास करें (सावधानी के साथ)–हमारे पाचन तंत्र के लिए ब्रेक लेने से आपका लीवर डिटॉक्सिंग पर ध्यान केंद्रित कर सकता है और लगातार भोजन को प्रोसेस नहीं कर सकता। आंतरायिक उपवास (जैसे 16:8) लीवर के कार्य को बढ़ाने और लीवर में वसा के संचय को कम करने के लिए सिद्ध हुआ है। बस खाने के समय स्वस्थ भोजन का सेवन करना सुनिश्चित करें। (4) डेंडिलियन चाय के साथ हरियाली अपनाएं–सदियों से डंडेलियन जड़ का इस्तेमाल प्राकृतिक लिवर क्लींजर के रूप में किया जाता रहा है। यह पित्त उत्पादन को प्रेरित करता है, आपके शरीर को वसा को तोड़ने और विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में सहायता करता है। भोजन के बाद डंडेलियन चाय का एक गर्म कप पाचन में मदद कर सकता है और लिवर को धीरे-धीरे डिटॉक्स करने में सहायता कर सकता है। (5) लसीका समर्थन के लिए ड्राई ब्रशिंग–ड्राई ब्रशिंग सिर्फ़ चमकदार त्वचा के लिए ही अच्छी नहीं है। यह आसान आदत रक्त संचार को बढ़ाती है और लसीका तंत्र को उत्तेजित करती है, जो लीवर के साथ समन्वय करके अपशिष्ट को बाहर निकालता है। नहाने से पहले प्राकृतिक ब्रिसल वाले ब्रश से गोलाकार गति में ब्रश करें ताकि बाहर से अंदर तक डिटॉक्सिफिकेशन को बढ़ाया जा सके। (6) चुकंदर को अपने आहार में शामिल करें–चुकंदर में बीटालेन और नाइट्रेट्स भरपूर मात्रा में होते हैं जो लीवर एंजाइम की गतिविधि को बढ़ाते हैं और भारी धातुओं और अपशिष्ट को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं। अपने सिस्टम को साफ करने और लीवर की तन्यकता को बढ़ाने के लिए भुने हुए चुकंदर, चुकंदर की स्मूदी या चुकंदर के जूस का सेवन करें।

साथियों बात अगर हम हमारे लीवर के घरेलू उपाय की करें तो, फैटी लिवर के लिए घरेलू उपाय (1) आंवला का सेवन करें- आंवला में विटामिन सी एंटी ऑक्सीडेंट्स भरपूर होते हैं, जो लिवर को हेल्दी रखने में मदद करते हैं। रोज डेली 1-2 आंवला कच्चा खाएं या आंवले का रस पीएं, ये लिवर की सूजन को कम करने और उसकी फंक्शनेलिटी बढ़ाने में सहायक है। (2) ग्रीन टी का सेवन।ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन्स लिवर में फैट के जमाव को कम करने में मदद करते हैं,रोजाना एक कप ग्रीन टी पीने से लिवर की सफाई होती है, ये शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है। (3) हल्दी का उपयोग करें-हल्दी में करक्यूमिन कंपाउंड होता है, जो लिवर को डिटॉक्स करता है,एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर रोज सुबह पिएं, ये सूजन को कम करता है और लिवर को हेल्दी रखता है। (4) सेब का सिरका–सेब का सिरका फैट को कम करने और लिवर को डिटॉक्स करने में सहायक होता है,एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाकर खाली पेट पिएं. ये वजन घटाने में भी मदद करता है। (5) नींबू पानी का सेवन,नींबू में विटामिन सी होता है, जो लिवर को हेल्दी रखने में मदद करता है,रोजाना सुबह गुनगुने पानी में नींबू का रस मिलाकर पिएं। ये शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है। (6) पपीते के बीज का सेवन, पपीते के बीज फैटी लिवर के लिए नैचुरल उपचार हैं।पपीते के कुछ बीज पीसकर उसका पाउडर बनाएं। इसे एक चम्मच दही में मिलाकर खाएं. इससे हमको बहुद जल्द असर देखने को मिलेगा। वैसे इन घरेलू उपायों को आजमाने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन करें इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि विश्व लिवर दिवस 19 अप्रैल 2025- संतुलित भोजन ही ताकतवर औषधि है।हमारी दिनचर्या और आहार में गड़बड़ी ही लीवर को गंभीर क्षति पहुंचा सकती है।लीवर मानव शरीर में सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है जो विष हरण,चयापचय और पाचन क्रिया में केंद्रीय भूमिका निभाता है।

 

*-संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यम सीए (एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र *

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