विश्व को भारत ने सैन्य नीति का लोहा मनवाया-अमेरिका को परमाणु युद्ध का डर सताया- आईएमएफ ने पाक लोन सेंशन पर ठप्पा लगाया-तत्काल सीज़फायर आया 

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

पाकिस्तान के नूरखान एयर बेस पर विस्फोट ने मामला पलटाया- परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का डर सताया-ट्रंप प्रशासन बीच में आया

 

अमेरिका नूरखान एयरबेस पर मिसाइल अटैक से तुरंत हरकत में आया-भारत ने रणनीतिक बौद्धिक क्षमता दिखाया- सीज़फायर मानकर परमाणु तबाही से बचाया-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र

 

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर पूरी दुनियाँ की नजरें भारत-पाक ड्रोन-मिसाइल के हमले पर लगी हुई थी,जिससे सबको लग रहा था भारत की सेना पाक के सभी महत्वपूर्ण ठिकानों को नेस्तानाबूद कर देगी, हालांकि पाक तो भारत के 26 से अधिक शहरों पर करीब 300 से 400 ड्रोन से अटैक कर रहा था तथा भारत रणनीति के तहत एंटी ड्रोन सिस्टम से ड्रोन हमलों को नाकाम कर रहा था,फिर शुक्रवार 10 मई 2025 को भारत ने ऐसा ब्रह्मास्त्र चलाया जिसे पाक के अनेक एयरबस ध्वस्त हो गए खासकर पाक नूरखान एयरबेस पर मिसाइल से हमला कर पूरे विश्व को, खासकर अमेरिका को अपनी सैन्य नीति का लोहा मनवाया, क्योंकि इस एयरबेस के पास पाक परमाणु कार्यक्रमों से संबंधित स्थान है जिससे अमेरिका भी सख़्तें में आ गया, क्योंकि पाक पीएम ने परमाणु का उपयोग करने संबंधी नेशनल कमान अथॉरिटी की मीटिंग भी बुला ली थी, जो उसके उपयोग पर रणनीति तैयार करती है, इसकी भनक अमेरिका को लगतें ही दोनों देशों के तनाव मेंतत्काल समझौता करने की ठानी, अमेरिका जो आज दुनियाँ का ताकतवर देश माना जाता है,उसने पहले ही घोषित रख कर रखा था कि उसकी दोनों देशों के तनाव में कोई रोल व रूचि नहीं है, ऐसा सटीक विचार रखने वाला ताकतवर देश भी ताबड़तोड़ सक्रिय हो उठा, क्योंकि इधर भारत की नूरखान एयरबेस तक मिसाइल पहुंचने व परमाणु कार्यक्रम को ध्वस्त करने उड़ाने की, संभावना तथा पाक द्वारा इसके पहले ही इसका उपयोग कर देने की संभावना को ध्यान में रखते हुए, अमेरिका ने आनंन -फानन में अमेरिकी उपराष्ट्रपति के थ्रू दोनों देशों से बात कर झट से सीज़फायर की घोषणा एक ट्विटर हैंडल पर कर दी,फिर पाकिस्तान व अंत में भारत की इसपर सहमतिआई। मेरा मानना है कि इसी रणनीति के तहत ही आईएमएफ ने शनिवार दिनांक 10 मई 2025 को 2.3 अरब डॉलर (20 हज़ार करोड़)के लोन की मंजूरी दी गई और एक अरब डॉलर तुरंत जारी करने की बात कही।एकअमेरिकी अखबार के अनुसार परमाणु युद्ध की संभावनाओं को देखते हुए ट्रंप नें सीज़ फायर करवाया है चूँकि भारत द्वारा नूरखान एयरबस पर मिसाइल अटैक से अमेरिका तुरंत हरकत में आया भारत ने रणनीतिक बौद्धिक क्षमता दिखाया,सीज़ फायर माँनकर परमाणु तबाही से बचाया व पाक पर नूरखान एयरबेस पर विस्फोट ने मामला पलटाया, परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का डर छाया,ट्रंप प्रशासन बीच में आया। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे विश्व को भारत में सैन्य नीति का लोहा बनवाया, अमेरिका को परमाणु युद्ध का डर सताया,आईएमएफ ने पाक लोन सैंक्शन कर ठप्पा लगाया, तत्काल सीज़फायर आया।

साथियों बात अगर हम अमेरिका के एक प्रिंट मीडिया हाउस के पेपर में,आई जानकारी में युद्ध विराम के कारणों में संभाव्य परमाणु युद्ध को रोकने की करें तो,पाकिस्तानी और भारतीय वायु सेना के बीच गंभीर हवाई लड़ाई शुरू हो गई थी,पाकिस्तान ने भारत की शक्ति परखने के लिए भारत के हवाई क्षेत्र में 300 से 400 ड्रोन भेजे थे. लेकिन चिंता का सबसे बड़ा कारण शुक्रवार देर रात आया, जब पाकिस्तान के रावलपिंडी में नूर खान एयर बेस पर विस्फोट हुए, जो इस्लामाबाद से सटा हुआ सैन्य अड्डे वाला शहर है। नूर खान एयर बेस से इस्लामाबाद की दूरी मात्र 10 से 15 किलोमीटर है, एक सुपरसोनिक मिसाइल इस दूरी को 3 से 4 या 4 से 5 सेकेंड में तय कर सकता है नूर खान एयर बेस पाकिस्तान का एक महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठान है, यह पाकिस्तान की सेना का सेंट्रल ट्रांसपोर्ट हब है, यहां से ही पाकिस्तानी विमान हवा में ईंधन भरते हैं, यह केंद्र पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को उड़ान भरने में मदद करता है। इसके अलावा जो बेहद अहम बात है वो यह है कि यह केंद्र पाकिस्तान के स्ट्रैटेजिक प्लान डिवीजन के मुख्यालय से भी कुछ ही दूरी पर है,स्ट्रैटेजिक प्लान डिवीजन पाकिस्तान की वो ईकाई है जो देश के परमाणु शस्त्रागार की देखरेख और सुरक्षा करता है, माना जाता है कि पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार में लगभग 170 या उससे अधिक परमाणु बम शामिल हैं, यह भी माना जाता है कि ये हथियार पूरे देश में फैले हुए हैं, पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम से लंबे समय से परिचित एक पूर्व अमेरिकी अधिकारी ने शनिवार को मीडिया से कहा कि पाकिस्तान का सबसे बड़ा डर यह है कि उसके न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी को नष्ट कर दिया जाएगा, इस पूर्व अमेरिकी अधिकारी ने एनवायटी को बताया कि नूर खान एयरबेस पर पर भारत के मिसाइल हमले को इस चेतावनी के रूप में समझा गया हो सकता है कि भारत ऐसा कर सकता है, यानी कि नूर खान एयर बेस पर भारत के हमले का यह अर्थ निकाला गया है कि भारत के पास पाकिस्तान के न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी को तबाह करने की क्षमता है। बता दें कि शनिवार को भारत ने पाकिस्तान पर जवाबी हमला करते हुए उसके कई एयरबेस को निशाना बनाया और तहस नहस कर दिया। पाकिस्तान की ओर से कम से कम सार्वजनिक रूप से न्यूक्लियर शब्द का स्पष्ट संकेत तब आया था जब पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया के अनुसार प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने नेशनल कमांड अथॉरिटी की बैठक बुलाई थी, नेशनल कमांड अथॉरिटी एक छोटा समूह है जो यह निर्णय लेता है कि परमाणु हथियारों का उपयोग कैसे और कब किया जाए।

साथियों बात अगर भारत पाक युद्ध से बाहर रहने की घोषणा करने के बावजूद अमेरिका तत्काल युद्ध विराम कराने को समझने की करें तो, बता दें कि 7 मई को भारत की ओर से पाकिस्तान पर जवाबी हमले के बाद 10 मई को शाम 5 बजे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कीघोषणा के बाद भारत-पाक़ ने सीजफायर का ऐलान किया है,वहीं सीएनएन के अनुसार ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार की सुबह अमेरिका को “खतरनाक खुफिया जानकारी” मिली, हालांकि उन्होंने इसकी संवेदनशीलता के कारण खुफिया जानकारी की प्रकृति का खुलासा नहीं किया, लेकिन रिपोर्ट में कहा गया कि यह शीर्ष अमेरिकी नेतृत्व को तत्काल कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया, इस काम में वेंस, अंतरिम राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विदेश मंत्री मार्को रुबियो और व्हाइट हाउस की चीफ ऑफ स्टाफ सूजी विल्स शामिल थीं। शनिवार को भारत और पाकिस्तान ने पूर्ण और तत्काल युद्धविराम की घोषणा की, डोनाल्ड ट्रंप ने खुद को क्रेडिट देने लगे कि उनकी मध्यस्थता की वजह से ही ये संभव हो पाया। हालांकि, भारत ने सीधे तौर पर तो नहीं मगर, इस दावे को खारिज कर दिया है। भारत के अनुसार, यह दोनों देशों के बीच “सीधा समझौता” था। वहीं, पाकिस्तान के पीएम युद्ध विराम के बाद अमेरिका को धन्यवाद देते नहीं थक रहे थे, मगर, सीजफायर होने के बाद भी पाकिस्तान ने दोबारा अपनी नापाक हरकत दिखा दी. युद्धविराम के 3 घंटे के बाद ही कश्मीर में खास कर वैष्णों देवी पर ड्रोन हमला कर दिया। हालांकि, भारत ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया,अमेरिकी रुख में बदलाव वांस ने गुरुवार को फॉक्स न्यूज़ से कहा था कि यह संघर्ष ‘मूल रूप से हमारा मसला नहीं है,अमेरिका दोनों देशों को हथियार डालने के लिए मजबूर नहीं कर सकता, लेकिन खुफिया जानकारी और परमाणु युद्ध की आशंका ने ट्रंप प्रशासन को सक्रिय भूमिका निभाने के लिए मजबूर किया, वांस ने पिछले महीने भारत की यात्रा के दौरान मोदी से मुलाकात की थी। ट्रंप प्रशासन का मानना था कि यह रिश्ता इस संकट में मददगार साबित होगा, ऐसे में ट्रंप प्रशासन ने फैसला लिया कि उपराष्ट्रपति जेंडी वेंस (उनकी पत्नी उषा के माता-पिता भारतीय अप्रवासी हैं, जो अपनी पत्नी के साथ भारत की यात्रा से कुछ हफ़्ते पहले लौटे थे) को सीधे भारतीय पीएम को फोन करना चाहिए, इस पर वेंस ने फोन कर पीएम से फोन पर बातचीत पर हमलों के विकल्पों पर विचार करने का अनुरोध किया था, साथ ही उन्होंने कहा कि इसका विकल्प एक संभावित ऑफ रैम्प भी शामिल है, जो पाकिस्तान को स्वीकार्य होगा, न्यूज नेटवर्क लिखता है कि पीएम मोदी ने उनकी बात सुनी, लेकिन किसी भी विचार पर अपनी प्रतिबद्धता नहीं जताई।

साथियों बात अगर हम अमेरिका द्वारा सीज़ फायर की प्रक्रिया को समझने की करें तो,vड्रोन अटैक, मिसाइल हमलों और फाइटर जेट्स द्वारा 4 दिनों तक दागे गए बमों के बाद भारत और पाकिस्‍तान के बीच सीजफायर की घोषणा हो गई. लेकिन चौथे दिन ऐसा क्‍या हुआ कि मरते दम तक युद्ध लड़ने की गीदड़भभकी देने वाले पाकिस्‍तान ने पीछे हटने का फैसला ले लिया, मीडिया की मानें तो भारत के सब्र का बांध टूटता देख पाकिस्‍तान खौफ में आ गया था, पाकिस्‍तान को डर था कि भारत अब कुछ ऐसा करने जा रहे है, जिससे वहां तबाही आ सकती है, ऐसे में पाकिस्‍तान ने झुकने में अपनी भलाई समझी और सीधा संयुक्‍त राष्‍ट्र की शरण में पहुंच गया, इसके बाद पाक के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने भारत से सीधे हॉटलाइन पर बात की और फिर सीजफायर पर सहमति बनी।10 मई की दोपहर तक, जब भारत द्वारा पाकिस्तान के कई बड़े हमलों को नाकाम कर दिया गया, तब पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल ने अपने भारतीय समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल को सीधे फोन किया,कॉल का समय, 15:35 बजे आईएसटी था, जिसकी बाद में विदेश सचिव ने एक प्रेस ब्रीफिंग में पुष्टि की हमलों के तुरंत बाद, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तानी डिफेंस नेटवर्क पर हाई अलर्ट मैसेज फ्लैश होते हुए देखा. ये मैसेज था कि भारत अगला निशाना पाकिस्तान के परमाणु कमांड और नियंत्रण ढांचे को बना सकता है, रावलपिंडी में रणनीतिक प्रतिष्ठानों, जिनमें पाकिस्तान के रणनीतिक योजना प्रभाग से जुड़े कार्यालय भी शामिल हैं, ऐसे में उन्‍होंने कथित तौर पर सुरक्षा प्रोटोकॉल बढ़ा दिए भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) की 12 मई को दोपहर 12 बजे मुलाकात होना तय हुआ है, इस बीच भारत ने साफ कर दिया है कि अगली बार कोई भी आतंकी हमला युद्ध की कार्रवाई (एक्ट ऑफ़ वार) माना जाएगा और सजा इस बार से कई ज्‍यादा होगी।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि विश्व को भारत ने सैन्य नीति का लोहा मनवाया-अमेरिका को परमाणु युद्ध का डर सताया- आईएमएफ ने पाक लोन सेंशन पर ठप्पा लगाया- तत्काल सीज़फायर आयापाकिस्तान के नूरखान एयर बेस पर विस्फोट ने मामला पलटाया-परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का डर सताया-ट्रंप प्रशासन बीच में आया।अमेरिका नूरखान एयरबेस पर मिसाइल अटैक से तुरंत हरकत में आया-भारत ने रणनीतिक बौद्धिक क्षमता दिखाया- सीज़फायर मानकर परमाणु तबाही से बचाया।

 

*-संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र *

Leave a Comment