काला धन तो दूर सरकार अभी घोटालेबाजी के आरोपी विदेश से नहीं ला पा रही वापिस
भारत से भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चौकसी को सीबीआई के आग्रह पर बेल्जियम में गिरफ़्तार किया गया, यह जानकारी ऑल इंडिया रेडियो ने एक्स पर दी थी। जबकि उसके भांजे नीरव मोदी पर भी पंजाब नेशनल बैंक से हज़ारों करोड़ रुपए के गबन के आरोप हैं। भगोड़े भारतीय धन्ना-सेठों की इस सूची में और भी कुछ कारोबारियों के नाम शामिल हैं। जिन पर अलग-अलग मामलों में गबन के आरोप हैं। फिलहाल चौकसी की गिरफ्तारी के बाद भारत से भगोड़े कारोबारियों का मुद्दा पर फिर मीडिया में सुर्खियों में बना है।
भारतीय जांच एजेंसियों को इन कारोबारियों के प्रत्यर्पण का इंतज़ार भी है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 की शुरुआत में पंजाब नेशनल बैंक में हज़ारों करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया था। तब बैंक ने मेहुल चौकसी, नीरव मोदी समेत कई अन्य के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी। बैंक का दावा था कि इन सभी आरोपियों ने बैंक के अधिकारियों के साथ साज़िश रच बैंक को नुक़सान पहुंचाया।
फ़रवरी 2018 को आंतरिक जांच पूरी होने के बाद पंजाब नेशनल बैंक ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को इस फ़र्ज़ीवाड़े की जानकारी दी थी। चौकसी एक समय भारत के हीरा कारोबार के पोस्टर बॉय हुआ करता था। पंजाब नेशनल बैंक में हुए हज़ारों करोड़ रुपए के घोटाले में नीरव मोदी भी एक अभियुक्त है, जनवरी, 2018 में नीरव मोदी ने भारत छोड़ दिया था। मोदी कोमार्च, 2019 को लंदन में होबर्न के मेट्रो बैंक ब्रांच से गिरफ़्तार किया गया, जहां वो अपना बैंक अकाउंट खुलवाने गया था। मई, 2020 में लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में मोदी के प्रत्यपर्ण का मामला चल रहा था।
मोदी का परिवार पिछली कई पीढ़ियों से हीरे के कारोबार में शामिल रहा ह। भारत में रीटेल ज्वैलरी की कंपनी गीतांजलि समूह के प्रमुख मेहुल चौकसी के साथ नीरव मोदी ने क़रीब 10 साल तक काम किया। इसके बाद मोदी ने भारत में फ़ायर-स्टार डायमंड नाम से एक कंपनी शुरू की। भारत सरकार का दावा है कि किंगफिशर कंपनी के मालिक विजय माल्या भारतीय बैंकों के 9 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज़दार हैं। माल्या पर आरोप है कि वह अपनी किंगफ़िशर एयरलाइन कंपनी के लिए बैंकों से क़र्ज़ लिया और उसे बिना चुकाए वो विदेश चला गया। किंगफ़िशर एयरलाइन ख़स्ताहाल होने के बाद बंद हो चुकी है। माल्या मार्च, 2016 में ब्रिटेन चला गया था, तब से ही लंदन में रहता है। भारतीय एजेंसियां ब्रिटेन के कोर्ट में माल्या को भारत लाने की क़ानूनी लड़ाई लड़ रही हैं। दरअसल, भारत और ब्रिटेन ने 1992 में प्रत्यर्पण संधि पर दस्तखत किए थे, लेकिन इसके बाद से केवल एक ही व्यक्ति का प्रत्यर्पण किया जा सका है। भगोड़ों की लिस्ट में शामिल आईपीएल यानि इंडियन प्रीमियर लीग का पूर्व प्रमुख ललित मोदी साल 2010 से ब्रिटेन में रह रहा है। मोदी पर आईपीएल के प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान नीलामी में कथित तौर पर हेराफेरी करने के लिए आरोप हैं। हालांकि, उसने हमेशा इन आरोपों से इनकार किया है। इसी बीच भारत ने उनके प्रत्यर्पण के कई असफल प्रयास किए।
दरअसल, ललित मोदी ने साल 2008 में आईपीएल की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जो अब अरबों डॉलर का उद्योग बन चुका है। मोदी के ख़िलाफ़ मुख्य आरोप साल 2010 में दो टीम फ्रेंचाइजी की नीलामी के दौरान हेराफेरी से संबंधित हैं। उस पर बिना अनुमति के प्रसारण और इंटरनेट अधिकार बेचने के भी आरोप लगे थे। साल 2013 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने ललित मोदी पर आजीवन क्रिकेट गतिविधियों में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया था। गुजरात के एक बड़े कारोबारी नितिन संदेसरा, जो 5,700 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले के मुख्य अभियुक्त हैं, स्टर्लिंग बायोटेक के मालिक नितिन जे. संदेसरा को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा चुका है। इस मामले में हितेश नरेंद्रभाई पटेल, दीप्ति संदेसरा और चेतन संदेसरा पर भी आरोप हैं। साल 2017 में दोनों एजेंसियों की जांच शुरू करने के कुछ दिन पहले ये परिवार भारत छोड़कर दुबई के रास्ते नाइजीरिया भाग गया था। संदेसरा परिवार ने उसी समय से नाइजीरिया और अल्बानिया दोनों देशों की नागरिकता ले रखी है।
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