घर-घर जाकर बच्चों के टीकाकरण व पौष्टिक आहार की दी जा रही जानकारी- श्रीमती श्रुति चौधरी
चंडीगढ़, 17 अप्रैल- महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से पोषण पखवाड़े का 7वां संस्करण 22 अप्रैल तक आयोजित किया जा रहा है। पोषण अभियान का उद्देश्य प्रौद्योगिकी, परंपरा के मिश्रण से बच्चों, महिलाओं के बीच स्वस्थ और पौष्टिक आहार को बढ़ावा देना है। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती श्रुति चौधरी ने बताया कि यह पोषण पखवाड़ा बच्चे के जीवन के पहले 1,000 दिनों पर केंद्रित है क्योंकि यह बाल विकास के लिए एक महत्वपूर्ण अवधि है। इस दौरान प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में छह वर्ष तक के बच्चों के लिए वजन दिवस का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पोषण पखवाड़े के तहत गांव-गांव तक संतुलित आहार और एनीमिया के बारे में जनता को जागरूक किया जाए। बच्चों में मोटापे को दूर करने के लिए स्वस्थ जीवन शैली अपनाने हेतु जागरूक किया जाए।
प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से इसको लेकर एक कैलेंडर तैयार किया गया है जिसके अनुसार सभी सुपरवाइजर अपने अपने सर्कल में गतिविधियां करवा रही हैं। पोषण अभियान के तहत मातृत्व पोषण और स्तनपान के लिए जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। दो वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण घर-घर जाकर किया जा रहा है। जन समुदाय में पोषण ट्रैकर के प्रति जागरूकता फैलाई जा रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों, माताओं के लिए पौष्टिक थाली प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। गर्भवती और धात्री महिलाओं को पोषक तत्वों की जानकारी दी जा रही है। पोषण पखवाड़ा के तहत ग्राम सभाओं का भी आयोजन किया जा रहा है जिसके तहत मातृ और शिशु पोषण लाभार्थियों के लिए स्वयं डिजिटल पंजीकरण करने की जानकारी दी जाएगी। अति कुपोषित बच्चों के लिए मातृ बैठकों का आयोजन किया जा रहा है जिसमें उनके खान-पान का ध्यान रखने की सलाह दी जा रही है। 8 अप्रैल से शुरु हुए पोषण पखवाड़ा के दौरान विभिन्न विभागों के समन्वय से अनेकों गतिविधियों का आयोजन किया गया जिसमें स्वास्थ्य जांच शिविर, वृक्षारोपण अभियान, पोषण वॉक, साइकिल रैली, योग सत्र, ग्राम सभा बैठकें , पोषण बैठक, कार्यशालाएं/ वेबिनार , प्रतियोगिताएं आदि शामिल हैं। पिछले साल पखवाड़े के दौरान 3,63,480 गतिविधियां की गई थी जिसमें 5.17 लाख प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था।