जनहितैषी, 12 मई, लखनउ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने बताया कि सभी नगरीय निकायों में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और वित्तीय मजबूती सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। प्रदेश के सभी नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में संपत्ति के हस्तांतरण एवं नामांतरण के कर निर्धारण प्रक्रिया को अब मानक उपविधि 2025 के तहत एकरूप और पारदर्शी बनाया जाएगा। यह उपविधि उत्तर प्रदेश नगर पालिका वित्तीय संसाधन विकास बोर्ड द्वारा तैयार की गई हैं और इसे सभी नगरीय निकायों के बोर्ड अनुमोदन के पश्चात लागू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अब तक नगरीय निकायों में नामांतरण शुल्क एवं संपत्ति कर निर्धारण की कोई एक समान व्यवस्था नही थी। कही पर निश्चित शुल्क वसूला जाता था तो कही संपत्ति के विक्रय मूल्य पर एक से दो प्रतिशत तक शुल्क लगाया जाता था। नई मानक उपविधि के माध्यम से इन सभी विसंगतियों को समाप्त कर सभी निकायों में एक समान कर निर्धारण प्रक्रिया को लागू किया जाएगा।
इसके लिए नागरिकों से अब संपत्ति स्वामित्व परिवर्तन या संशोधन हेतु आवेदन ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से लिया जाएगा। विवाद रहित मामलों का निस्तारण अधिकतम 45 कार्य दिवसों के अंतर्गत किया जाएगा। उपविधि में शुल्क का निर्धारण स्पष्ट रूप से संपत्ति के क्षेत्रफल अथवा मूल्य के आधार पर किया गया है। प्रत्येक नामांतरण के लिए एक माह पूर्व सार्वजनिक सूचना/नोटिस जारी की जाएगी, जिससे कोई आपत्ति हो तो उसे सुना जा सके। यदि निर्धारित समय तक कोई आपत्ति प्राप्त नहीं होती है तो प्रविष्टि को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। यदि कोई आपत्ति आती है तो संबंधित पक्षों को सुनवाई का अवसर दिया जाएगा और उसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा। साथ ही, इस व्यवस्था के अंतर्गत 30 दिन के भीतर अपील का अधिकार भी प्रदान किया गया है।