साउदर्न बाइपास पर सरकारी टाउनशिप बनने से पहले ही बड़े प्रॉपर्टी स्कैम के संकेत

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

लुधियाना 20 अप्रैल। लुधियाना के साउदर्न बाइपास पर सरकार की और से करीब 1800 एकड़ में रिहायशी टाउनशिप बनाई जानी है। यह टाउनशिप पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के तहत बननी है। लेकिन यह सरकार द्वारा इस प्रोजेक्ट को तो शुरु नहीं किया गया, लेकिन उससे पहले ही इसमें घोटाले होने के संकेत मिलने लग गए हैं। चर्चा है कि ग्लाडा अधिकारियों और कुछ कॉलोनाइजरों और डवेलपर्स की और से मिलकर सरकार द्वारा एक्वायर की गई जमीन में से कॉलोनी काटने का प्रयास किया जा रहा है। जिसके लिए ग्लाडा अधिकारियों द्वारा नए नए डवेलपर्स व कॉलोनाइजरों की फाइलें भी इकट्ठी की जा रही है, ताकि उन्हें परमीशन देकर कॉलोनी काटी जा सके। हालांकि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट व पंजाब सरकार द्वारा उक्त टाउनशिप की जमीन में कॉलोनी काटने पर रोक लगा रखी है। जिसके बावजूद अधिकारी कोर्ट के आदेशों को नहीं मान रहे। सरकारी अफसरों द्वारा ही सरकार की स्कीम को फेल करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं चर्चा है कि सरकार चाहे इस टाउनशिप को शुरु करे या न करें, लेकिन ग्लाडा अधिकारियों की और से जल्द ही कॉलोनाइजरों की कॉलोनी बनाने के काम की शुरु कर दी जाएगी।

आप मंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट पर फिर सकता है पानी

जानकारी के अनुसार पंजाब सरकार की और से कई साल पहले एसबीएस नगर बसाया गया था। जिसके बाद अब लुधियाना में रिहायशी टाउनशिप तैयार की जानी है। यह प्रोजेक्ट आम आदमी पार्टी के मंत्री व पंजाब प्रधान अमन अरोड़ा का ड्रीम प्रोजेक्ट है। लेकिन सरकारी तंत्र ही उनके इस प्रोजेक्ट पर पानी फेरने पर तुला हुआ है।

डवेलपर्स ने फायदा देख खरीदी जमीनें

सरकार द्वारा टाउनशिप बनाने के लिए जिन लोगों की जमीनें एक्वायर की उन्हें एक एकड़ जमीन के बदले एक हजार गज का प्लॉट और एक एससीओ देने का वादा किया था। कई डवेलपर्स की और से फायदा लेने के लिए टाउनशिप के आसपास की जमीनें जमीदारों से सस्ते भाव पर खरीद ली गई और फिर उसके रेट बढ़ा दिए गए। ताकि वे सरकार को फिर उसी जमीन को दोगुने रेट पर बेच सके या वहां महंगी कीमत पर कॉलोनी काट सके। लेकिन सरकार ने वहां कॉलोनी बनाने पर ही रोक लगा दी।

हाईकोर्ट व सरकार के आदेशों का उल्लंघन कर रहे अधिकारी

सरकार द्वारा टाउनशिप के आसपास कोई भी कॉलोनी डवेलप करने से रोक लगाने पर कई डवेलपर्स हाईकोर्ट पहुंच गए। जहां पर प्रिंसिपल सेक्रेटरी हाउसिंग एके सिन्हा ने हाईकोर्ट में एफेडेबिट दिया था कि सरकार द्वारा वहां कॉलोनी काटी जानी है, इस लिए किसी को कॉलोनी न काटने दी जाए। जिसके बाद कोर्ट ने टाउनशिप की जगह पर कोई भी कॉलोनाइजर द्वारा कॉलोनी न बनाने पर रोक लगाई थी। लेकिन ग्लाडा के अधिकारियों द्वारा हाईकोर्ट व सरकार के आदेशों को ही साइड़ करके अपनी जेब गर्म करने के चक्कर में नियम तोड़े जा रहे हैं।

बाकी डवेलपर्स भी एक्शन लेने को तैयार

चर्चा है कि ग्लाडा अधिकारियों ने आपसी सेटिंग के बाद कई डवेलपर्स की फाइलें पास करने के लिए इकट्ठी कर ली है। लेकिन बाकी डवेलपर्स इस इंतजार में बैठे हैं कि कब ग्लाडा एक भी फाइल पास करे और वे इस मामले को मुद्दा बना सके।

मान सरकार की छवि खराब करने में लगे अफसर

मान सरकार की और से जहां एक तरफ नशे के खिलाफ अभियान चलाकर, किसानों के धरने खत्म करके व अन्य सामाजिक कार्य कर अपनी छवि सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ ग्लाडा के ही कुछ अधिकारी रिश्वत के चक्कर में सरकार की छवि खराब करने में लगे हुए हैं। वहीं चर्चा है कि यह विपक्ष की साजिश भी हो सकती है। क्योंकि सरकारी विभागों में कई अधिकारी विपक्ष नेताओं के साथ सेटिंग करके चलते हैं। ऐसे में शायद विपक्ष के साथ मिलकर अधिकारी सरकार को जनता के बीच बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं।

Leave a Comment